दिल्ली हाई कोर्ट ने विजया और देना बैंकों के बैंक आफ बड़ोदा में विलय पर रोक लगाने से इनकार

By भाषा | Published: March 28, 2019 07:36 PM2019-03-28T19:36:20+5:302019-03-28T19:45:35+5:30

बैंक आफ बड़ोदा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि कानूनी दायरे के भीतर ही विलय का फैसला लिया गया और सभी औपचारिकताओं का पालन किया गया है।

Delhi high court denied to stay merger of vijaya and dena bank into bank of baroda | दिल्ली हाई कोर्ट ने विजया और देना बैंकों के बैंक आफ बड़ोदा में विलय पर रोक लगाने से इनकार

दिल्ली हाई कोर्ट ने विजया और देना बैंकों के बैंक आफ बड़ोदा में विलय पर रोक लगाने से इनकार

Highlightsकेन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बैंक अधिकारियों की याचिका का विरोध किया और कहा कि यह विशुद्ध रूप से सरकार का आर्थिक नीति संबंधी निर्णय है जिसके लिये विस्तृत सलाह मशविरा किया गया था।पीठ ने दीवान से जानना चाहा कि बैंकों के विलय के फैसले से आप किस तरह प्रभावित हैं। इस पर उन्होंने कहा कि विलय की वजह से कर्मचारी प्रभावित होंगे क्योंकि इससे उनके अनुपयोगी होने का पहलू जुड़ा हुआ है। 

उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों -विजया बैंक, देना और बैंक आफ बड़ोदा-के विलय का मार्ग प्रशस्त करते हुये इनके विलय पर रोक लगाने से बृहस्पतिवार को इंकार कर दिया।

न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ इन बैंकों के एक अप्रैल से विलय पर रोक लगाने के लिये अनेक बैंक अधिकारी एसोसिएशनों के आवेदन खारिज कर दिये।

प्रस्तावित विलय के मूर्तरूप लेने के बाद बैंक आफ बड़ोदा पंजाब नेशनल बैंक के स्थान पर भारतीय स्टेट बैंक के बाद सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक हो जायेगा।

इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही बैंक अधिकारियों की एसोसिएशनों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि इन तीन बैंकों के विलय के बारे में लिये गये फैसले में अनेक खामिंयां हैं क्योंकि इस मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ प्रभावी तरीके से मशविरा नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि इस तरह के विलय का फैसला लेने के लिये इन बैंकों के लिये निदेशक मण्डल का सही तरीके से गठन नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि निदेशक मण्डल को इस बारे में सूचित किया जाना चाहिए था ओर उन्हें प्रस्तावित विलय के बारे में समय दिया जाना चाहिए था लेकिन सब कुछ दो जनवरी को हो गया।

पीठ ने दीवान से जानना चाहा कि बैंकों के विलय के फैसले से आप किस तरह प्रभावित हैं। इस पर उन्होंने कहा कि विलय की वजह से कर्मचारी प्रभावित होंगे क्योंकि इससे उनके अनुपयोगी होने का पहलू जुड़ा हुआ है। 

बैंक आफ बड़ोदा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि कानूनी दायरे के भीतर ही विलय का फैसला लिया गया और सभी औपचारिकताओं का पालन किया गया है।

केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बैंक अधिकारियों की याचिका का विरोध किया और कहा कि यह विशुद्ध रूप से सरकार का आर्थिक नीति संबंधी निर्णय है जिसके लिये विस्तृत सलाह मशविरा किया गया था।

पीठ ने कहा कि वह तीनों बैंकों के विलय के निर्णण पर तत्काल रोक लगाने के लिये दायर सारे आवेदन अस्वीकार कर रही है। भाषा अनूप अनूप उमा उमा

English summary :
The Supreme Court on Thursday denied on the merger of three public sector banks - Vizya Bank, Dena and Bank of Baroda - by suspending their merger.


Web Title: Delhi high court denied to stay merger of vijaya and dena bank into bank of baroda

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