Delhi Government: 1,400 रुपये को फायदा!, 1.5 लाख सार्वजनिक सेवा गाड़ियों को ‘वाहन ट्रैकिंग शुल्क’ से छूट, आप भी उठाएं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 29, 2024 18:37 IST2024-08-29T18:35:53+5:302024-08-29T18:37:49+5:30
Delhi Government: वार्षिक वाहन ट्रैकिंग शुल्क 1,200 रुपये है, जो 18 प्रतिशत कर लगाने के बाद लगभग 1,400 रुपये हो जाता है।

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Delhi Government: परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने लगभग 1.5 लाख सार्वजनिक सेवा गाड़ियों को ‘वाहन ट्रैकिंग शुल्क’ से छूट दे दी है। गहलोत ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने 2019 में ऑटोरिक्शा को वाहन ट्रैकिंग शुल्क से छूट दे दी थी। गहलोत ने कहा, “दिल्ली में 2.5 लाख सार्वजनिक सेवा वाहन हैं, जिनमें 85,000 ऑटोरिक्शा शामिल हैं। ऑटोरिक्शा को पहले से ही 1,200 रुपये के “वाहन ट्रैकिंग शुल्क’ का भुगतान करने से छूट दी गई है। अब, लगभग 1.5 लाख वाहनों को भी इस वार्षिक शुल्क का भुगतान करने से छूट दी जाएगी।”
वार्षिक वाहन ट्रैकिंग शुल्क 1,200 रुपये है, जो 18 प्रतिशत कर लगाने के बाद लगभग 1,400 रुपये हो जाता है। दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) 2019 के पास वाहनों की ‘ट्रैकिंग’ का प्रभार था। गहलोत ने कहा, "हमने डिम्ट्स के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया है और वाहनों को ट्रैक करने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।”
दिल्ली : एनडीएमसी फील्ड कर्मचारियों को मुफ्त चाय और नाश्ता उपलब्ध कराएगी
नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने विभिन्न विभागों में अपने फील्ड कर्मचारियों को मुफ्त चाय और नाश्ता उपलब्ध कराने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि इस पहल का उद्देश्य 5,000 से अधिक कर्मचारियों को सहायता प्रदान करना है, जिनमें सफाई कर्मचारी, माली, बेलदार और बिजली विभाग के 'लाइनमैन' शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि यह निर्णय पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तर्ज पर लिया गया है, जहां ‘विषम’ घंटों में काम करने वाले कर्मियों को मुफ्त जलपान मिलता है। अधिकारी ने कहा, "सफाई कर्मी सुबह चार बजे से ही अपनी ड्यूटी शुरू कर देते हैं ताकि यातायात शुरू होने से पहले सड़कें साफ हो जाएं।
उस समय भोजन या चाय ढूंढना चुनौतीपूर्ण होता है, इसलिए यह एक सराहनीय कदम है।" अधिकारी के अनुसार, इस पहल से एनडीएमसी भारत में इस तरह का कार्यक्रम लागू करने वाला पहला नगर निकाय बन गया है। कार्यान्वयन के विवरण के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कोई जानकारी नहीं दी।