वित्त-वर्ष 2024 के पहले 10 महीने में बढ़ सकता है कर्ज, 11.03 ट्रिलियन रुपए रहने का अनुमान- रिपोर्ट

By आकाश चौरसिया | Published: February 29, 2024 06:03 PM2024-02-29T18:03:01+5:302024-02-29T18:11:34+5:30

गुरुवार को कैग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024 के पहले 10 महीनों के दौरान भारत का राजकोषीय घाटा 11.03 ट्रिलियन रुपए या संशोधित वार्षिक अनुमान का 63.6 फीसद था। इस बात की जानकारी लेखा महानियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार है।

Debt may increase in the first 10 months of financial year 2024 estimated to be Rs 11.03 trillion report | वित्त-वर्ष 2024 के पहले 10 महीने में बढ़ सकता है कर्ज, 11.03 ट्रिलियन रुपए रहने का अनुमान- रिपोर्ट

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsवित्त वर्ष 2024 के पहले 10 महीनों में भारत का राजकोषीय घाटा 11.03 ट्रिलियन रु- रिपोर्टइस बात की जानकारी लेखा महानियंत्रक ने दी हैपिछले साल की इसी अवधि के लिए राजकोषीय घाटा 11.91 ट्रिलियन रुपए का अनुमान था

नई दिल्ली: गुरुवार को कैग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024 के पहले 10 महीनों के दौरान भारत का राजकोषीय घाटा 11.03 ट्रिलियन रुपए या संशोधित वार्षिक अनुमान का 63.6 फीसद था। इस बात की जानकारी लेखा महानियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार है। पिछले साल की इसी अवधि के लिए राजकोषीय घाटा 11.91 ट्रिलियन रुपए था या वित्तीय वर्ष 2023 के लिए 17.55 लाख करोड़ रुपए के वार्षिक अनुमान का 67.8 फीसद था। 

राजकोषीय घाटे के लिए बजटीय वार्षिक अनुमान, जिसे 1 फरवरी को वोट ऑन अकाउंट बजट में संशोधित किया गया था, वित्त वर्ष 24 के लिए ₹17.87 ट्रिलियन था। आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकारी खर्च में उछाल के बावजूद राजकोषीय घाटे में गिरावट, उच्च कर प्राप्तियों और गैर-कर राजस्व में वृद्धि के कारण थी।

केंद्र का लक्ष्य राजकोषीय घाटा, सरकार की आय और व्यय के बीच का अंतर - को वित्त वर्ष 24 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद के 5.8 फीसद तक कम करना है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 6.4 फीसद था।

ठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि जनवरी में सुस्त पड़कर 3.6 प्रतिशत पर आ गयी। यह इसका 15 माह का निचला स्तर है। बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात और बिजली जैसे क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण वृद्धि धीमी हुई। आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों का उत्पादन दिसंबर, 2023 में 4.9 प्रतिशत बढ़ा था। एक साल पहले जनवरी, 2023 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार 9.7 प्रतिशत थी। इन आठ क्षेत्रों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं। 

जनवरी, 2024 से कम वृद्धि दर अक्टूबर, 2022 में 0.9 प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह अप्रैल-जनवरी के दौरान बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि में 8.3 प्रतिशत थी। जनवरी, 2024 में रिफाइनरी उत्पादों और उर्वरक का उत्पादन घटा। समीक्षाधीन महीने में कोयला, इस्पात और बिजली के उत्पादन में वृद्धि की गति धीमी हो गई। हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और सीमेंट के उत्पादन में सालाना आधार पर सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठ प्रमुख क्षेत्रों का योगदान 40.27 प्रतिशत है। 

Web Title: Debt may increase in the first 10 months of financial year 2024 estimated to be Rs 11.03 trillion report

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