wti crude price: 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे, 2001 के बाद सबसे निचला स्तर, निवेशकों को लगी 3.30 लाख करोड़ रुपये की चपत

By भाषा | Updated: April 21, 2020 19:34 IST2020-04-21T19:29:14+5:302020-04-21T19:34:32+5:30

विश्व भर में कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है। कच्चा तेल 2001 के बाद सबसे नीचे है। शेयर बाजार में अफरातफरी का माहौल है। मंगलवार को गिरावट के साथ निवेशकों को 3,30,408.87 करोड़ रुपये का चूना लगा है।

crude price below $20 per barrel lowest level since 2001 investors lost Rs 3.30 lakh crore | wti crude price: 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे, 2001 के बाद सबसे निचला स्तर, निवेशकों को लगी 3.30 लाख करोड़ रुपये की चपत

कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में बिकवाली के बीच घरेलू बाजारों में गिरावट आयी। (file photo)

Highlightsयूरोपीय मानक ब्रेंट कच्चा तेल उतार-चढ़ाव वाले कारोबार के दौरान 18.10 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।शेयर बाजारों में मंगलवार को गिरावट के साथ निवेशकों को 3,30,408.87 करोड़ रुपये का चूना लगा।

लंदनः ब्रेंट नॉर्थ सी कच्चा तेल भाव मंगलवार को कारोबार के दौरान 20 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे चला गया। कोरोना वायरस महामारी के चलते विभिन्न देशों में लॉकडाउन (बंद) की वजह से कच्चे तेल की मांग गिरी है। 

ब्रेंट कच्चा तेल का यह 2001 के बाद सबसे निचला भाव है। यूरोपीय मानक ब्रेंट कच्चा तेल उतार-चढ़ाव वाले कारोबार के दौरान 18.10 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बाद में इसमें सुधार देखा गया और यह 21.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजारों में मंगलवार को गिरावट के साथ निवेशकों को 3,30,408.87 करोड़ रुपये का चूना लगा।

कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में बिकवाली के बीच घरेलू बाजारों में गिरावट आयी। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 1,011.29 अंक यानी 3.20 प्रतिशत लुढ़ककर 30,636.71 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार में तीव्र गिरावट से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3,30,408.87 करोड़ रुपये घटकर 1,20,42,172.38 करोड़ रुपये रह गया। सेंसेक्स में शामिल 27 शेयर नुकसान में जबकि मात्र तीन लाभ में रहे। बीएसई में 1,697 कंपनियों में गिरावट दर्ज की गयी जबकि 716 लाभ में रहे। वहीं 152 के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ। 

बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में मंगलवार को 3 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी। कोरोना वायरस संकट का दबाव झेल रहे बाजार पर अब कच्चे तेल के दाम एतिहासिक रूप से नीचे जाने का असर हुआ है। इससे दुनिया भर के बाजारों में गिरावट देखी गयी जिसका असर धरेलू बाजारों पर भी पड़ा।

तीस शेयरों वाला सेंसेक्स पिछले दिन के बंद के मुकाबले 1,011.29 अंक यानी 3.20 प्रतिशत नीचे रहकर 30,636.71 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 280.40 अंक यानी 3.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,981.45 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में 27 नुकसान में जबकि केवल तीन लाभ में रहे। इंडसइंड बैंक सबसे ज्यादा नुकसान में रहा। इसमें 12 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी। उसके बाद बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, ओएनजीसी और मारुति का स्थान रहा। इनमें 6 से 9 प्रतिशत की गिरावट आयी।

तेल कीमतों में गिरावट के बीच रुपया 30 पैसे गिरकर 76.83 रुपये प्रति डॉलर पर

विदेशी मुद्रा बाजारों में डॉलर के मजबूत होने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय कारोबार में भारतीय रुपया मंगलवार को 30 पैसे गिरकर 76.83 रुपये के भाव पर बंद हुआ। मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगाये गये लॉकडाऊन की वजह से मांग में कमी से तेल कीमतों में गिरावट आने के बाद बाजार में अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के विकल्प के बतौर डॉलर की तरफ अपना रुख किया।

अंतरबैंक विदेश मु्द्रा बाजार में रुपया मजबूती के साथ 76.79 पर कमजोर खुला। कारोबार के दौरान इसमें आगे और गिरावट आई और अंत में यह अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 30 पैसे की गिरावट दर्शाता 76.83 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। सोमवार को यह 76.53 के भाव पर बंद हुआ था। दिन के कारोबार के दौरान रुपये ने डॉलर के मुकाबले 76.62 के उच्च स्तर और 76.84 के निचले स्तर को छुआ। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक मंगलवार को 1,011 अंक अथवा 3.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 30,636.71 अंक पर बंद हुआ।

 

 

Web Title: crude price below $20 per barrel lowest level since 2001 investors lost Rs 3.30 lakh crore

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