क्रेडिट सुइस ने जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाया, पर दूसरी छमाही में मजबूत पुनरूद्धार की उम्मीद जतायी

By भाषा | Updated: May 20, 2021 17:11 IST2021-05-20T17:11:10+5:302021-05-20T17:11:10+5:30

Credit Suisse lowered GDP growth forecast, but expects strong revival in second half | क्रेडिट सुइस ने जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाया, पर दूसरी छमाही में मजबूत पुनरूद्धार की उम्मीद जतायी

क्रेडिट सुइस ने जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाया, पर दूसरी छमाही में मजबूत पुनरूद्धार की उम्मीद जतायी

मुंबई, 20 मई स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी क्रेडिट सुइस ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता धारणा पर पड़ने वाले असर का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2021-22 के लिये बाजार मूल्य पर भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अनुमान को 1.5 से 3.0 प्रतिशत तक घटाकर इसके 13 से 14 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है।

हालांकि, वित्तीय सेवा देने वाली कंपनी ने दूसरी छमाही में मजबूत पुनरूद्धार का अनुमान व्यक्त किया है। इसका कारण ‘लॉकडाउन’ का कर संग्रह पर सीमित प्रभाव पड़ना है।

क्रेडिट सुइस एशिया पैसेफिक के लिये इक्विटी रणनीति मामलों के सह-प्रमुख और भारत इक्विटी रणनीतिकार नीलकंठ मिश्रा ने पिछले महीने पीटीआई-भाषा से कहा था कि 2021-22 में महामारी के कारण वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 8.5 से 9 प्रतिशत रह सकती है।

क्रेडिट सुइस वेल्थ मैनेजमेंट इंडिया के जितेन्द्र गोहिल और प्रेमल कामदार ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘हमारी वृहत आर्थिक रणनीतिक टीम का अनुमान है कि महामारी से जुड़ी पाबंदियों के कारण जीडीपी पर प्रभाव करीब 1.50 प्रतिशत रह सकता है। अगर राज्यों के स्तर पर लगायी गयी पाबंदियां लंबे समय तक रहती है, तो असर 3.0 प्रतिशत तक हो सकता है। ऐसे में इन सबके बावजूद बाजार मूल्य पर आधारित जीडीपी वृद्धि दर 13 से 14 प्रतिशत रह सकती है।’’

क्रेडिट सुइस का यह अनुमान महामारी का कर संग्रह पर सीमित प्रभाव और सरकार के अन्य राजस्व स्रोत, दूसरी छमाही में बेहतर पुनरूद्धार तथा दबी हुई मांग का सामने आने की संभावनाओं पर आधारित है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दूसरी छमाही में पुनरूद्धार वैसा नहीं होगा जैसा कि महामारी की दूसरी लहर आने से पहले अनुमान लगाया गया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पुनरूद्धार को दबी हुई मांग के सामने आने से समर्थन मिलेगा। हालांकि, यह पहली लहर के मुकाबले कम होगी। इसके अलावा वैश्विक वृद्धि का भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ऐसा अनुमान है कि विकसित देशों के बाजारों में टीकाकरण अभियान से तीव्र वृद्धि को समर्थन मिलेगा।

इसमें कहा गया है कि स्थानीय स्तर पर ‘लॉकडाउन’ से वस्तुओं की आवाजाही और आपूर्ति व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इससे विनिर्माण क्षेत्र में पुनरूद्धार में वक्त लगेगा। पर, दूसरी छमाही से मांग बढ़ने से वृद्धि को गति मिलने की उम्मीद है। लेकिन यह भी सचाई है कि वायरस अब गांवों में फैल रहा है जो चिंता का विषय है।

एक अन्य सकारात्मक चीज मानसून अच्छा रहने की भविष्यवाणी है। अगर यह सही रहा तो लगातार तीसरा साल होगा जब बारिश अच्छी होगी। यह कृषि अर्थव्यवस्था के लिये अच्छी खबर है और इससे ग्रामीण मांग में तेजी आने की उम्मीद है।

उनका कहना है, ‘‘कुल मिलाकर, हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही बेहतर होगी। हालांकि, दूसरी लहर से पहले व्यक्त किये गये अनुमान के मुकाबले उतना बेहतर नहीं होगा।

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Web Title: Credit Suisse lowered GDP growth forecast, but expects strong revival in second half

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