कोरोना अर्थव्यवस्था का दुश्मन! गोल्डमैन सैश का अनुमान, वित्त वर्ष 2020-21 में 1.6% रह सकती है भारत की GDP ग्रोथ

By रामदीप मिश्रा | Updated: April 9, 2020 08:43 IST2020-04-09T08:41:11+5:302020-04-09T08:43:51+5:30

बैंकिंग समूह गोल्डमैन सैश ने कहा है कि COVID-19 के बढ़ते संकट के साथ पिछले दो हफ्तों में गोल्डमैन सैश की वैश्विक टीम ने अनुमान लगाया है कि 2020 में मंदी की संभावना दिखाई दे रही है। वित्त वर्ष 2019-20 में देश की आर्थिक वृद्धि दर के घट कर पांच फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। 

Coronavirus: India's GDP growth to plunge to 1.6% in FY21 says Goldman Sachs | कोरोना अर्थव्यवस्था का दुश्मन! गोल्डमैन सैश का अनुमान, वित्त वर्ष 2020-21 में 1.6% रह सकती है भारत की GDP ग्रोथ

वित्तवर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ आ सकती भारी गिरावट। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsगोल्डमैन सैश ने बुधवार (8 अप्रैल) को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 1.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।इससे पहले 3.3 प्रतिशत पूर्वानुमान लगाया गया था। 

कोरोना वायरस के चलते दुनिया की अर्थव्यवस्था पर संकट मंडरा रहा है। इस साल मंदी आने की बात कही जा रही है। इस बीच वैश्विक बैंकिंग समूह गोल्डमैन सैश ने बुधवार (8 अप्रैल) को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 1.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि इससे पहले 3.3 प्रतिशत पूर्वानुमान लगाया गया था। 

बैंकिंग समूह ने कहा है कि COVID-19 के बढ़ते संकट के साथ पिछले दो हफ्तों में गोल्डमैन सैश की वैश्विक टीम ने अनुमान लगाया है कि 2020 में मंदी की संभावना दिखाई दे रही है। वित्त वर्ष 2019-20 में देश की आर्थिक वृद्धि दर के घट कर पांच फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। 

भारत को कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण 25 मार्च से लॉकडाउन किया हुआ है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की बात कही जा रही है, जिसको लेकर उपभोक्ताओं और व्यवसायों के बीच भय का वातावरण उत्पन्न हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इससे पहले वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी में 5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था। 

इससे पहले साख निर्धारण और अन्य सेवाएं देने वाली अमेरिकी कंपनी फिच सोल्यूशंस ने कहा है कि भारत का राजकोषीय घाटा 2020-21 में जीडीपी के 6.2 प्रतिशत तक जा सकता है, जबकि सरकार ने इसके 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिये दिया गया आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज हैं। 

उसने कहा था कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये जारी लॉकडाउन और उसके व्यापक प्रभाव के कारण राजस्व संग्रह पर दबाव पड़ेगा और सरकार को अपने खर्च के वित्त पोषण को लेकर मजबूरन अतिरिक्त कर्ज या केंद्रीय बैंक से अधिक लााभांश लेना पड़ सकता है।

फिच सोल्यूशंस के अनुसार संशोधित अनुमान के पीछे कोरोना वायरस संक्रमण के कारण आर्थिक गतिविधियों में नरमी के परिणास्वरूप राजस्व संग्रह कम रहने और आर्थिक झटकों से निपटने के लिये अधिक व्यय की आशंका है। कमजोर आर्थिक गतिविधियों से 2020-21 में राजस्व संग्रह में एक प्रतिशत की गिरावट आ सकती है, जबकि पूर्व में इसमें 11.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

Web Title: Coronavirus: India's GDP growth to plunge to 1.6% in FY21 says Goldman Sachs

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