उच्च न्यायालय में दावा, अनधिकृत तरीके से नागरिकों के आधार आंकड़े हासिल कर रही है गूगल पे
By भाषा | Updated: December 31, 2020 21:22 IST2020-12-31T21:22:19+5:302020-12-31T21:22:19+5:30

उच्च न्यायालय में दावा, अनधिकृत तरीके से नागरिकों के आधार आंकड़े हासिल कर रही है गूगल पे
नयी दिल्ली, 31 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि गूगल की ‘ऑनलाइन’ भुगतान प्रणाली जी पे विभिन्न नियामकीय प्रावधानों का उल्लंघन कर अनधिकृत तरीके से ग्राहकों के आधार और बैंक से जुड़ी सूचनाएं हासिल कर, उसका उपयोग कर रही है तथा उसे अपने पास रख रही है।
याचिका सुनवाई के लिये बृहस्पतिवार को न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायाधीश प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध थी। पीठ ने याचिकाकर्ता अभिजीत मिश्रा से हलफनामा दायर कर उनकी तरफ से पूर्व में जी पे समेत अन्य मामलों में दी गयी सभी जनहित याचिकाओं के बारे में जानकारी देने और प्रत्येक याचिका की स्थिति के बारे में बताने को कहा।
याचिका पर अगली सुनवाई 14 जनवरी, 2021 को होगी।
मिश्रा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि जी पे आधार कानून, 2016, भुगतान और निपटान प्रणाली कानून, 2007 और बैंकिंग नियमन कानून, 1949 का कथित रूप से उल्लंघन कर आधार डाटा हासिल कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि कंपनी ग्राहकों के आधार और बैंक से जुड़ी जानकारी ले रही है और उसे अपने पास जमा कर रही है। यह निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
याचिका में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को आधार कानून के प्रावधानों का कथित उल्लंघन को लेकर जी पे के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
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