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कोरोना संकट: टाटा ने कारोबार पर असर पड़ने संबंधी अटकलों को नकारा, जानिए मामला, क्या कहा

By भाषा | Updated: June 6, 2020 14:24 IST

टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा समूह की नकदी जुटाने के लिए अपने किसी निवेश को बाजार में भुनाने की कोई योजना नहीं है।

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ठळक मुद्देटाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के निदेशक मंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में समूह की कंपनियों को कोष आवंटन पर चर्चा हुई। विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों पर कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन का असर पड़ा है।

नई दिल्ली: नमक से लेकर सॉफ्टवेयर क्षेत्र में कार्यरत 111 अरब डॉलर के टाटा समूह की नकदी जुटाने के लिए अपने किसी निवेश को बाजार में भुनाने की कोई योजना नहीं है। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कोविड-19 के समूह के कारोबार पर असर पड़ने संबंधी अटकलों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास समूह की कंपनियों को समर्थन के लिए पर्याप्त नकदी है। 

टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के निदेशक मंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में समूह की कंपनियों को कोष आवंटन पर चर्चा हुई। साथ ही बैठक में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देने पर भी विचार-विमर्श किया गया जिन्हें नकदी की अधिक जरूरत है। टाटा संस ने बोर्ड की बैठक का उल्लेख किए बिना बयान जारी कर समूह के बारे में चल रही अटकलों को खारिज कर दिया। 

चंद्रशेखरन ने बयान में कहा, ‘‘टाटा संस की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत है। कंपनी के पास समूह की कंपनियों और नई वृद्धि पहलों को समर्थन के लिए नकदी का पर्याप्त प्रवाह है।’’उन्होंने कहा कि अन्य कंपनियों की तरह टाटा समूह भी कोरोना वायरस की वजह से चुनौतियों और अवसरों दोनों का सामना कर रहा है। समूह पर कोविड-19 के प्रभाव संबंधी खबरों को दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए उन्होंने कहा कि समूह नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। 

उन्होंने कहा कि इन खबरों का मकसद टाटा समूह के प्रदर्शन को नजरअंदाज और समूह के मानद चेयरमैन रतन एन टाटा की छवि को नुकसान पहुंचाना है। चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘हमारे समूह की सभी कंपनियां बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही हैं। वे इन चुनौतियों और अवसरों दोनों पर उचित प्रतिक्रिया दे रही हैं। हमें भरोसा है कि वे और मजबूत होकर उभरेंगी।’’ 

विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों पर कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन का असर पड़ा है। सबसे अधिक प्रभावित होटल, वाहन, विमानन और उपभोक्ता सामान क्षेत्र हुए हैं। इन सभी क्षेत्रों में टाटा समूह की मौजूदगी है। टाटा स्टील और जेएलआर सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) भी महामारी के प्रभाव से बच नहीं सकी है। 

चंद्रशेखरन ने फरवरी, 2017 में टाटा समूह के चेयरमैन का पद संभाला था। इस तरह की अटकलें थीं कि टाटा संस के निदेशक मंडल के समक्ष कोविड-19 के बाद लागत को महत्तम कर वृद्धि की रणनीति पेश की जा सकती है। हालांकि, बयान में बोर्ड में हुई चर्चा का कोई उल्लेखन नहीं है। समूह के शीर्ष प्रबंधन ने अपने वेतन में 20 प्रतिशत की कटौती की है। समूह के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है।

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