नीति आयोग के सीईओ ने कहा- वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए और संरचनात्मक सुधारों की तैयारी
By भाषा | Updated: October 3, 2019 15:08 IST2019-10-03T15:08:41+5:302019-10-03T15:08:41+5:30
2017-18 की अंतिम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत थी, जो 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गई है। उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक और सरकार ने देश को फिर ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

नीतिगत दर रेपो में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है।
अर्थव्यवस्था को ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए सरकार आगामी दिनों में कई और संरचनात्मक सुधार लाने की तैयारी में है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अमिताभ कांत ने यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के एक कार्यक्रम ‘भारत आर्थिक सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले पांच साल में देश की अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है।
2017-18 की अंतिम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत थी, जो 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गई है। उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक और सरकार ने देश को फिर ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
इस साल केंद्रीय बैंक अभी तक प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। लेकिन मौद्रिक नीति की अपनी सीमाएं हैं। इसलिए सरकार ने भी अपनी ओर से कई उपाय किए हैं।’’
नीति आयोग के सीईओ ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अभी कई और संरचनात्मक सुधार किए जाएंगे। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र में विनिवेश को आगे बढ़ा रही है। मैं आपसे कह सकता हूं कि हमने संपत्तियों के मौद्रिकरण के लिए बड़ा कदम आगे बढ़ाया है। हमारा मानना है कि नई परियोजनाओं के बजाय निवेशक पहले से चल रही परियोजनाओं में निवेश करने के लिए आगे आएं।’’