पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान पर, केंद्र सरकार ने 8 महीने में कमाए डेढ़ लाख करोड़ रुपये
By IANS | Updated: January 30, 2018 16:49 IST2018-01-30T16:47:20+5:302018-01-30T16:49:26+5:30
जनता कंगाल-सरकार मालामालः बीते आठ माह की अवधि में सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थो पर लगने वाले कर से 1,50,000 करोड़ रुपये की कमाई की है।

पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान पर, केंद्र सरकार ने 8 महीने में कमाए डेढ़ लाख करोड़ रुपये
दुनिया में कच्चे तेल के दामों में लगातार गिरावट आ रही है, मगर हमारे देश में पेट्रोलियम पदार्थो के दाम बढ़ रहे हैं। इससे उपभोक्ता की जेब खाली हो रही है और सरकार का खजाना भर रहा है। बीते आठ माह की अवधि में सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थो पर लगने वाले कर से 1,50,000 करोड़ रुपये की कमाई की है।
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने डायरेक्ट्रोरेट जनरल ऑफ सिस्टम्स एंड डाटा मैनेजमेंट से सूचना के अधिकार के तहत जानना चाहा था कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के पहले नौ माह में पेट्रोलियम पदार्थो से कुल कितने राजस्व की प्राप्ति हुई है। इन नौ माह का माहवार ब्यौरा उपलब्ध कराएं। उन्हें आठ माह का ही ब्यौरा मिला है।
गौड़ को दिए गए ब्यौरे के मुताबिक, मई माह में केंद्र सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व 20,260 करोड़ रुपये बतौर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी के रूप में प्राप्त हुए, वहीं सबसे ज्यादा कस्टम ड्यूटी के तौर पर जून माह में 1883 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। वहीं सबसे कम सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी के जरिए 16,952 करोड़ नवंबर में और कस्टम ड्यूटी से अप्रैल माह में 371 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
If Petroleum products come under GST then it is a seamless process.Probably, In long term everybody wants all products to come under GST. So lets see,but for us it will be little disadvantageous till all products don't come under GST: Sanjiv Singh,Chairman Indian Oil Corporation pic.twitter.com/GBD2WgWt4p
— ANI (@ANI) January 30, 2018
गौड़ ने सभी श्रेणी के पेट्रोलियम पदार्थो के जरिए नौ माह में केंद्र सरकार को हुई आय का ब्यौरा मांगा था, मगर उन्हें सिर्फ दो कोड (श्रेणी) सीटीएच 2710 तथा 2711 के ही राजस्व की जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
गौड़ ने आईएएनएस से कहा कि उन्होंने सभी श्रेणी के पेट्रोलियम पदार्थो से हुई राजस्व की आय का ब्यौरा मांगा था, मगर उन्हें सिर्फ दो कोड का ही उपलब्ध कराया गया है, जिससे मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। गौड़ ने केंद्र सरकार से यह भी मांग की है कि पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी की श्रेणी में लाया जाए, ताकि आमजन को महंगाई की मार से थोड़ी राहत मिल सके।