मजबूत आर्थिक वृद्धि के लिए केंद्र और राज्यों का मिलकर काम करना जरूरी: मोदी

By भाषा | Updated: February 20, 2021 16:22 IST2021-02-20T16:22:20+5:302021-02-20T16:22:20+5:30

Center and states need to work together for strong economic growth: Modi | मजबूत आर्थिक वृद्धि के लिए केंद्र और राज्यों का मिलकर काम करना जरूरी: मोदी

मजबूत आर्थिक वृद्धि के लिए केंद्र और राज्यों का मिलकर काम करना जरूरी: मोदी

नयी दिल्ली, 20 फरवरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने पड़ चुके कानूनों को निरस्त करने और कारोबार के लिए व्यवस्था अधिक सुगम बनाए जाने की जरूरत पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि मजबूत आर्थिक वृद्धि प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्यों का एकजुटता के साथ काम करना जरूरी है।

मोदी ने नीति आयोग की संचालन परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र को भी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान में भाग लेने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र और राज्यों को देश की प्रगति के लिए मिलकर काम करना होगा... आर्थिक प्रगति के लिए सरकार को निजी क्षेत्र का सम्मान करना होगा और उसे समुचित प्रतिनिधित्व भी देना होगा।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब राज्य और केंद्र सरकारों ने एक साथ काम किया तो पूरे देश को सफलता मिली। उन्होंने कहा कि आज की बैठक का एजेंडा, देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस बार के बजट का जिस तरह से स्वागत हुआ है, वह इस बात का संकेत है कि देश विकास की राह पर अधिक तेजी से आगे बढ़ना चाहता है।प्रधानमंत्री ने कहा ,‘ देश मन बना चुका है। देश तेजी से बढ़ाना चाहता है और नहीं चाहता कि समय खराब हो।’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की पहलों से हर किसी को राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान करने का अवसर मिलेगा।

मोदी ने कहा कि देश की विकास यात्रा में निजी क्षेत्र अब अधिक उत्साह से भाग ले रहा है । ‘सरकार के नाते हमें निजी क्षेत्र के उत्साह और ऊर्जा का सम्मान करना होगा और उसे आत्मनिर्भर भारत अभियान में अधिक अवसर देना होगा।’

प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि तिलहन जैसे उत्पादों की पैदावार बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि खाद्य तेल आदि के आयात पर निर्भरता कम हो। उन्होंने कहा, '‘किसानों को दिशा देकर ही इसे हासिल किया जा सकता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य तेलों के आयात में लगभग 65,000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, जिसे हमारे किसानों के पास जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं के आयात खर्च होने वाला धन किसानों के खाते में तो जा ही सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार की नीतियों से किसानों को उत्पादकता बढ़ाने और खाद्य आयात घटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को पूंजी और प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए सुधार जरूरी हैं।

मोदी ने लोगों पर नियम कायदों के अनुपालन का बोझ कम करने की आवश्यकता भी जतायी।

प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में राज्यों से समितियां बना कर ऐसे नियम-कायदों को छांटने को कहा जिनकी नयी प्रौद्योगिकी के इस दौर में कोई उपादेयता नहीं रह गयी है। उन्होंने राज्यों को सलाह दी कि वे उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का पूरा लाभ उटाएं और के जरिये अपने यहां निवेशकों को आकर्षित करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे युवा देश की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए आधुनिक अवसंरचना का निर्माण किया जाना चाहिए। नवाचार को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और शिक्षा और कौशल के बेहतर अवसर के लिए प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार मांग और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए बुनियादी ढ़ांचे के विकास पर खर्च कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जन-धन बैंक खातों के खुलने, मुफ्त बिजली और गैस कनेक्शन तथा समुचित टीकाकरण से गरीबों के जीवन में बदलाव आया है।

मोदी ने स्टर्टअप इकाइयों और सूक्षम, लघु तथा मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को सशक्त बनाने पर बल देते हुए कहा,‘आत्मनिर्भर भारत केवल भारत को आत्मनिर्भर बनाना बल्कि शेष विश्व की आवश्यकताओं को भी पूरा करना है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर गरीब को पक्का घर उपलब्ध कराने का अभियान भी चल रहा है। शहरों और गांवों को मिलाकर, 2014 से अब तक 2 करोड़ 40 लाख से अधिक घरों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के शुरू होने के 18 महीनों के भीतर 3.5 लाख से अधिक ग्रामीण घरों में पाइप से पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।

उन्होंने कहा कि गांवों में इंटरनेट सुविधा के लिए, भारत नेट योजना एक बड़े बदलाव का माध्यम बन रही है। जब केंद्र और राज्य सरकारें ऐसी सभी योजनाओं में एक साथ काम करेंगी तो काम की गति बढ़ेगी और लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा।

उन्होंने राज्यों से 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए समितियां बनाने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री पदेन नीति आयोग के अध्यक्ष होते हैं। आयोग के शीर्ष निकाय संचालन परिषद में राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रशासित क्षेत्रों के उप-राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

परिषद की यह छठी बैठक थी। इस बैठक में पहली बार पहली बाजार लद्दाख शामिल हुआ। जम्मू-कश्मीर ने पहली बार इसमें केंद्रशासित क्षेत्र के रूप में हिस्सा ले रहा है। इस बार अन्य केंद्र शासित क्षेत्रों के प्रशासकों को भी आमंत्रित किया गया है।

बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार , मुख्य कार्यपालक अमिताभ कांत और सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।

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Web Title: Center and states need to work together for strong economic growth: Modi

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