SEBI: सेबी ने महत्वपूर्ण जानकारी के खुलासे को लेकर सख्त समयसीमा तय की, नया विधान 15 जुलाई से प्रभावी, 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे की, जानें असर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 13, 2023 20:09 IST2023-07-13T20:08:04+5:302023-07-13T20:09:14+5:30

Capital market regulator SEBI: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को जारी एक परिपत्र में कहा कि नया विधान 15 जुलाई से प्रभावी होगा।

Capital market regulator SEBI sets strict deadline disclosure important information new legislation effective from July 15 reduced from 24 hours to 12 hours know effect | SEBI: सेबी ने महत्वपूर्ण जानकारी के खुलासे को लेकर सख्त समयसीमा तय की, नया विधान 15 जुलाई से प्रभावी, 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे की, जानें असर

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Highlightsशेयर बाजार के लिये ऐसी कंपनियों के प्रबंधन और नियंत्रण को प्रभावित कर सकते हैं।समझौतों का खुलासा 12 घंटों के भीतर किया जाना चाहिए।समयसीमा 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे कर दी गयी है।

Capital market regulator SEBI: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों के लिये महत्वपूर्ण घटनाओं या जरूरी सूचना के खुलासे के लिये ‘सख्त समयसीमा’ का प्रावधान किया है। साथ ही कंपनी के शेयर की कीमतों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मामलों के निर्धारण के लिये मानदंड भी जारी किये हैं।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को जारी एक परिपत्र में कहा कि नया विधान 15 जुलाई से प्रभावी होगा। नियामक ने इस व्यवस्था के तहत सूचीबद्ध कंपनियों को परिवार के बीच उन निपटान समझौतों का खुलासा करने के लिये कहा है, जो शेयर बाजार के लिये ऐसी कंपनियों के प्रबंधन और नियंत्रण को प्रभावित कर सकते हैं।

यदि कोई सूचीबद्ध इकाई एक पक्षकार है तो इन समझौतों का खुलासा 12 घंटों के भीतर किया जाना चाहिए। जहां सूचीबद्ध इकाई एक पक्ष नहीं है, वहां 24 घंटों के भीतर खुलासा किये जाने की जरूरत होगी। इसके अलावा, सूचीबद्ध इकाई से जुड़ी घटनाओं या सूचनाओं के खुलासे के लिये समयसीमा 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे कर दी गयी है।

इन सूचनाओं में अधिग्रहण, प्रतिभूतियों की पुनर्खरीद आदि से संबंधित मामले शामिल हैं, निदेशक मंडल की बैठक में लिये गये निर्णय से जुड़ी जानकारी के मामले में खुलासा ऐसी बैठक के समापन से 30 मिनट के भीतर किया जाना चाहिए। इसके अलावा, सूचीबद्ध इकाई के मामले में बाहर से आने वाली जानकारी से जुड़े मामलों की सूचना का खुलासा करने के लिये 24 घंटे की समयसीमा तय की गई है।

इसमें रेटिंग में संशोधन, सूचीबद्ध इकाई, प्रवर्तक, निदेशकों की धोखाधड़ी या चूक, बैंकों से लिये गये कर्ज के पुनर्गठन, बैंक के साथ एकमुश्त निपटान आदि शामिल हैं। नियामक ने कंपनी के शेयर की कीमतों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मामलों के निर्धारण के लिये मानदंड भी जारी किये हैं।

क्रेडिट कार्ड पर एनपीए 0.66 प्रतिशत बढ़ा : रिपोर्ट

क्रेडिट कार्ड पर गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 0.66 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मार्च, 2023 में 2.94 प्रतिशत पर पहुंच गई हैं। ऋण सूचना कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत ऋण जैसे उत्पादों में डूबा कर्ज सबसे तेजी से बढ़ा है।

यह रिपोर्ट नियामक की ओर से जोखिम भरे बिना गारंटी वाले कर्ज पोर्टफोलियो को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आई है। रिपोर्ट के अनुसार, संपत्ति की गुणवत्ता के मोर्चे पर 90 दिन से अधिक तक क्रेडिट कार्ड पर बकाया का भुगतान नहीं होने के मामले 2.94 प्रतिशत रहे हैं, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 0.66 प्रतिशत अधिक है।

वहीं, व्यक्तिगत ऋण के लिए यह 0.4 प्रतिशत सुधार के साथ 0.94 प्रतिशत हो गया। ऋण वृद्धि की नजर से क्रेडिट कार्ड पर बकाया राशि मार्च, 2023 में सालाना आधार पर 34 प्रतिशत बढ़ गई और व्यक्तिगत ऋण में यह 29 प्रतिशत बढ़ी। रिपोर्ट में कहा गया कि संपत्ति के एवज में ऋण 38 प्रतिशत वृद्धि के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली खुदरा सेवा है। आमतौर पर छोटे कारोबारी अपने वित्तपोषण की जरूरतें पूरी करने के लिए यह ऋण लेते हैं।

 

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