मंत्रिमंडलीय समितिः महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों में फैली 4 परियोजनाओं को मंजूरी, 18658 करोड़ रुपये होंगे खर्च
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 4, 2025 17:50 IST2025-04-04T17:30:46+5:302025-04-04T17:50:32+5:30
परियोजनाओं में संबलपुर-जरापदा के बीच तीसरी और चौथी लाइन, झारसुगुड़ा-सासोन के बीच तीसरी और चौथी लाइन, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा के बीच पांचवी और छठी लाइन और गोंदिया-बलहारशाह मार्ग का दोहरीकरण शामिल है।

सांकेतिक फोटो
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने शुक्रवार को रेल मंत्रालय की चार परियोजनाओं को मंजूरी दे दी, जिनकी कुल लागत लगभग 18,658 करोड़ रुपये है। एक सरकारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। विज्ञप्ति के मुताबिक महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों में फैली इन चार परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 1,247 किलोमीटर की वृद्धि होगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन परियोजनाओं में संबलपुर-जरापदा के बीच तीसरी और चौथी लाइन, झारसुगुड़ा-सासोन के बीच तीसरी और चौथी लाइन, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा के बीच पांचवी और छठी लाइन और गोंदिया-बलहारशाह मार्ग का दोहरीकरण शामिल है।
VIDEO | Cabinet briefing by Union Minister Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw)
— Press Trust of India (@PTI_News) April 4, 2025
Cabinet approves four projects of rail ministry
with total cost of Rs 18,658 crore. Projects covering 15 districts in three states Maharashtra, Odisha, and Chhattisgarh will increase existing network… pic.twitter.com/tKMh9E9ioV
मोदी सरकार देशभर में अत्याधुनिक रेल नेटवर्क का निर्माण और विस्तार कर रही है।
आज केंद्रीय कैबिनेट ने रेल मंत्रालय की ₹18,658 करोड़ की कुल लागत वाली 4 परियोजनाओं को मंजूरी देकर अत्याधुनिक रेल नेटवर्क का निर्माण और विस्तार की दिशा में एक और महत्त्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। महाराष्ट्र,… pic.twitter.com/1dmVKzAsOm— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 4, 2025
सरकार के मुताबिक इन परियोजनाओं से रेलगाड़ियों की गति में सुधार होगा जिससे भारतीय रेलवे बेहतर दक्षता से युक्त और विश्वसनीय सेवा मुहैया करा सकेगी। विज्ञप्ति के मुताबिक ये ‘मल्टी-ट्रैकिंग’ प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएंगे और भीड़भाड़ को कम करेंगे जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों पर आवश्यक बुनियादी ढांचागत विकास होगा।
इसमें कहा गया कि ‘‘ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। इन परियोजनाओं से क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से लोगों को ‘आत्मनिर्भर’ बनाएगा, जिससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।’’ सरकार के मुताबिक ये परियोजनाएं ‘मल्टी-मॉडल’ संपर्क के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं।
जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हो पाई हैं और लोगों की आवाजाही और वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए निर्बाध संपर्क प्रदान करेंगी। विज्ञप्ति के मुताबिक इन परियोजनाओं के साथ 19 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा जिससे दो आकांक्षी जिलों (गढ़चिरौली और राजनांदगांव) में संपर्क बढ़ेगा।
‘मल्टी-ट्रैकिंग’ (एक खंड पर कई पटरियों का निर्माण) परियोजना से लगभग 3350 गांवों और लगभग 47.25 लाख आबादी को बेहतर संपर्क मिल सकेगा। सरकार ने बताया कि खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा मार्ग से बलौदा बाजार जैसे नए क्षेत्र रेलवे से सीधे जुड़ जाएंगे, जिससे क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नयी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं बनेंगी।
विज्ञप्ति के मुताबिक ये परियोजनाएं कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग पर हैं। क्षमता में वृद्धि के परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 8.877 करोड़ टन अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।