केंद्र सरकारः 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों के साथ-साथ चीनी मिलों में कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को तोहफा, गन्ने का न्यूनतम मूल्य 315 रुपये प्रति क्विंटल, जानें बड़ी बातें

By सतीश कुमार सिंह | Published: June 28, 2023 05:54 PM2023-06-28T17:54:00+5:302023-06-28T18:19:51+5:30

सरकार ने बुधवार को 2023-24 सत्र के लिये गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 10 रुपये बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया।

Cabinet approves Rs 315 per quintal remunerative price for sugarcane farmers season 2023-24 benefit 5 crore sugarcane farmers dependents 5 lakh workers Anurag Thakur | केंद्र सरकारः 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों के साथ-साथ चीनी मिलों में कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को तोहफा, गन्ने का न्यूनतम मूल्य 315 रुपये प्रति क्विंटल, जानें बड़ी बातें

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Highlightsगन्ने का पेराई सत्र अक्टूबर से शुरू होता है।पिछले सत्र में गन्ने का न्यूनतम मूल्य 305 रुपये प्रति क्विंटल था।सरकार हमेशा कृषि और किसानों को प्राथमिकता देती रही है।

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को गन्ना किसानों को राहत दी है। किसानों को एक और खुशखबरी दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट ने चीनी सीजन 2023-24 के लिए गन्ना किसानों के लिए 315 रुपये प्रति क्विंटल के अब तक के उच्चतम उचित और लाभकारी मूल्य को मंजूरी दे दी है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस निर्णय से 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों के साथ-साथ चीनी मिलों और संबंधित सहायक गतिविधियों में कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा। एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर चीनी मिलें किसानों से गन्ना खरीदती हैं। गन्ने का पेराई सत्र अक्टूबर से शुरू होता है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में गन्ने का न्यूनतम मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया। सत्र 2023-24 के लिये गन्ने का एफआरपी 315 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। पिछले सत्र में गन्ने का न्यूनतम मूल्य 305 रुपये प्रति क्विंटल था।

ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा ‘अन्नदाता’ के साथ हैं। सरकार हमेशा कृषि और किसानों को प्राथमिकता देती रही है। उन्होंने कहा कि गन्ने का न्यूनतम मूल्य 2014-15 में 210 रुपये प्रति क्विंटल था। अब वह बढ़कर 2023-24 में 315 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। चालू विपणन सत्र 2022-23 में 1,11366 करोड़ रुपये मूल्य के 3,353 लाख टन गन्ने की खरीद चीनी मिलों ने की है।

वहीं 2013-14 सत्र के दौरान मिलों ने 57,104 करोड़ रुपये मूल्य के गन्ने की खरीद की थी। ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में चीनी मिलों के पास लंबित बकायों को लेकर गन्ना किसानों का कोई भी विरोध प्रदर्शन नहीं है। गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य का निर्धारण कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों तथा राज्य सरकारों एवं अन्य संबद्ध पक्षों के साथ परामर्श के आधार पर हुआ है। 

मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना संबंधी विधेयक को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) विधेयक 2023 को संसद में पेश करने को बुधवार को मंजूरी दे दी। इससे राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी।

उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । ठाकुर ने बताया कि इस विधेयक के पारित होने पर अस्तित्व में आने वाला कानून वर्ष 2008 के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड अधिनियम का स्थान लेगा।

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित फाउंडेशन की गतिविधियों को उच्च स्तरीय रणनीतिक गति प्रदान करने के लिए एक संचालन बोर्ड का गठन किया जायेगा। इसमें सदस्य के रूप में 15 से 25 जाने माने शोधकर्ता और पेशेवर होंगे। एनआरएफ का दायरा व्यापक होगा और यह सभी मंत्रालयों को प्रभावित करेगा, इसलिए प्रधानमंत्री इस बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होंगे और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री तथा केन्द्रीय शिक्षा मंत्री पदेन उपाध्यक्ष होंगे। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बताया कि प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में एक कार्यकारी परिषद का भी गठन किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि इस मकसद से वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 50 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जायेंगे। इसमें से 14 हजार करोड़ रूपये भारत सरकार देगी जबकि शेष 36 हजार करोड़ रूपये उद्योग, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, लोकोपकार दान आदि से जुटाया जायेगा।

सरकारी बयान के अनुसार, यह फाउंडेशन अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) का मार्ग प्रशस्त करेगा तथा देशभर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों तथा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में अनुसंधान एवं नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देगा।

संसद में विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के अनुरूप देश में वैज्ञानिक अनुसंधान को उच्चस्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए ‘एनआरएफ’ नाम की एक शीर्ष निकाय की स्थापना होगी। इसमें कहा गया है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) एनआरएफ का प्रशासनिक विभाग होगा जो एक संचालन बोर्ड द्वारा शासित होगा।

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) उद्योग एवं शिक्षा जगत तथा सरकारी विभागों व अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग स्थापित करेगा और वैज्ञानिक एवं संबंधित मंत्रालयों के अलावा विभिन्न उद्योगों और राज्य सरकारों की भागीदारी व योगदान के लिए एक तंत्र तैयार करेगा।

बयान के अनुसार, एनआरएफ एक ऐसी नीतिगत रूपरेखा बनाने और नियामक प्रक्रियाओं को स्थापित करने पर ध्यान केन्द्रित करेगा जो अनुसंधान एवं विकास पर उद्योग जगत द्वारा सहयोग और बढ़े हुए व्यय को प्रोत्साहित कर सके।

मंत्रिमंडल ने भारत सरकार, सीडीआरआई के बीच मुख्यालय समझौते के अनुमोदन को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) के बीच हुए मुख्यालय समझौते के अनुमोदन को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

इसमें कहा गया है कि मंत्रिमंडल ने भारत सरकार और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) के बीच हुए मुख्यालय समझौते के अनुमोदन को मंजूरी दे दी। इस पर 22 अगस्त 2022 को हस्ताक्षर किये गये थे। सीडीआरआई की शुरूआत की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितंबर 2019 को न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्यवाही शिखर सम्मेलन के दौरान की थी।

यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख वैश्विक पहल है । इसे जलवायु परिवर्तन तथा आपदा रोधी मामलों में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका प्राप्त करने के भारत के प्रयासों के रूप में देखा जाता है। बयान में कहा गया है कि मंत्रिमंडल ने 28 अगस्त, 2019 को नई दिल्ली में सहायक सचिवालय के साथ सीडीआरआई की स्थापना को मंजूरी दी थी ।

इसके साथ ही, सीडीआरआई को भारत सरकार से वित्तीय सहायता के रूप में 2019-20 से 2023-24 तक 5 वर्षों की अवधि के लिए 480 करोड़ रुपये दिए जाने को भी मंजूरी दी थी। इसमें कहा गया है कि इसके बाद, 29 जून, 2022 को कैबिनेट ने सीडीआरआई को एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में मान्यता देने और संयुक्त राष्ट्र (पी एंड आई) अधिनियम, 1947 की धारा - 3 के तहत सीडीआरआई को छूट, प्रतिरक्षा और विशेषाधिकार दिए जाने के लिए मुख्यालय समझौते (एचक्यूए) पर हस्ताक्षर किये जाने की मंजूरी दी थी।

मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुरूप, 22 अगस्त, 2022 को भारत सरकार और सीडीआरआई के बीच मुख्यालय समझौते (एचक्यूए) पर हस्ताक्षर किए गए। सीडीआरआई.. सरकारों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और कार्यक्रमों, बहुपक्षीय विकास बैंकों तथा वित्तीय व्यवस्था, निजी क्षेत्र, शैक्षणिक और ज्ञान संस्थानों की एक वैश्विक साझेदारी है । इसका उद्देश्य जलवायु और आपदा जोखिमों के लिए अवसंरचना प्रणालियों की वहनीय क्षमता को बढ़ावा देना है।

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