नई दिल्ली: किसी भी देश के लिए बजट बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि देशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे होते हैं और इससे उनकी उम्मीदें भी बहुत होती हैं। इसलिए सरकार अपने आपको कई तरह के बजट के जरिए खुद को तैयार रखती है। इसमें कई तरह की मद भी शामिल होती हैं, साथ ही कर्ज से लेकर इनकम टैक्स में कटौती मिलने की संभावना जगती है। बजट से इस बात का भी निर्धारण हो जाता है कि कुल राजस्व सरकार को कैसे प्राप्त होगा और भविष्य में किन मदों पर खर्च करना है। यह बजट आगामी वित्त-वर्ष के लिए होता है।
बजट को लेकर भविष्य में एक विशिष्ट अवधि में सरकार के राजस्व और भविष्य में होने वाले व्यय से भी व्यक्त किया जाता है। यह बजट पूरे एक साल के लिए लागू होता है क्योंकि सरकार सभी मदों में होने वाले खर्च का एक अनुमानित आंकड़ा इसी तरह बनाती है कि उसे साल भर में किसी भी चीज के लिए सोचना न पड़े। यदि भीषण बाढ़ या आपदा में ऐसी कोई जरुरत पड़ती है तो केंद्र सरकार राष्ट्रपति की अनुमति के बाद अपनी संचित निधि से उसे खर्च सकती है। लेकिन, बजट मोटे तौर पर यही बयां करता है कि वित्तीय वर्ष में देश को कैसे राजस्व प्राप्त होगा और केंद्र के व्यया क्या-क्या होंगे।
संतुलित बजटसंतुलित बजट एक तरह से वो होता है, जिसमें सरकार ये मानकर चलती है कि उसे जितना राजस्व प्राप्त होगा, उतने ही रुपए वो सभी मदों में खर्च करने वाली है। यह भी मान लीजिए कि कुल बजट खर्च कुल बजट प्राप्तियों के बराबर रहती है। अगर केंद्र सरकार को 5 लाख करोड़ रुपए बजट के जरिए खर्च करती है, तो उसे 5 लाख करोड़ रुपए राजस्व रुपी प्राप्त भी होने चाहिए।
घाटे का बजटसरकार ये भी घाटे वाले बजट में सोच के चलती हैं कि उसे अगर अपेक्षित राजस्व नहीं प्राप्त हो रहा है, तो यानी कि उसका खर्च बढ़ रहा है। यही वो बात है जो एक फासले को बड़े अंतर में बदल देती है। इससे सरकार का कर्ज भी बढ़ सकता है और घाटा भी, इसलिए सरकार इस रूप में भी अपने आपको आने वाली चुनौती के लिए तैयार रखती है। इस बजट प्रक्रिया को अक्सर विकासशील देश ही अपनाते हैं, जबकि, विकसित देश इससे स्थिरता प्राप्त करने में सफल होता है।
सरप्लस बजटजब केंद्र सरकार द्वारा सभी मदों पर अनुमानि खर्च बढ़ जाता है, तो ऐसा मान लिया जाता है कि एक वित्तीय-वर्ष में सरप्लस बजट पहुंच गया है। अगर सरकार लंबे अंतराल में वित्तीय स्थिरता चाहती है तो वो इस ओर बढ़ जाती है। जब बहुत अधिक मुद्रास्फीति होती है, तो सरकार सरप्लस बजट का उपयोग कर कुल मांग को कम करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर सकती है और इस प्रकार मुद्रास्फीति को कम कर सकती है।