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बजट 2018 से पहले जीएसटी काउंसिल घटा सकती है 70 वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स की दर

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 18, 2018 08:13 IST

बज़ट 2018: एक फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बज़ट पेश करेंगे।

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संसद के बज़ट सत्र की शुरुआत से पहले वस्तु एवं सेवा कर परिषद (जीएसटी काउंसिल) 70 वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाली टैक्स की दर कम कर सकता है। जीएसटी काउंसिल जीएसटी के तहत टैक्स जमा करने की प्रक्रिया भी पहले से सरल बना सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व वाली जीएसटी काउंसिल गुरुवार (18 जनवरी) को बैठक करने वाली है। इस बैठक में फिटमेंट कमेटी के अधिकारियों द्वारा की गयी अनुशंसा पर विचार किया जाना है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिन चीज़ों पर टैक्स घटाए जाने की उम्मीद है उनमें 40 सेवाएँ हैं। माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार कृषि और ग्रामीण इलाकों के कारोबार को ध्यान में रखते हुए ये फैसले लेगी। नरेंद्र मोदी सरकार का क्लीन एनर्जी पर जोर को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस सेक्टर को बढ़ावा देने वाले फैसले भी ले सकती है। 

वित्त मंत्री अरुण जेटली इससे पहले साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह चुके हैं, इसलिए माना जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल खेती से जुड़ी टेक्नोलॉजी और सेवाओं को विशेष रियायत दे सकती है। साल 2019 में लोक सभ चुनाव होने हैं। ऐसे में वित्त मंत्री के तौर पर अरुण जेटली का ये आखिरी पूर्ण बज़ट होगा। नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व परिपाटी को बदलते हुए बज़ट पेश करने की तारीख एक फ़रवरी कर दी है। पहले बज़ट फरवरी के आखिर में पेश होता था। मोदी सरकार ने बज़ट में होने वाले आवंटन को लागू करने के लिए ज्यादा समय मिले इसलिए ये फैसला लिया था। 

नरेंद्र मोदी सरकार ने एक जुलाई 2017 से देश में लगने वाले सभी अप्रत्यक्ष करों की जगह जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के तहत शून्य, पाँच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दर से विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स लिया जाता है। माना जा रहा है कि कृषि से जुड़ी विभिन्न सेवाओं और वस्तुओं की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 या पाँच प्रतिशत की जा सकती है। जीएसटी काउंसिल इससे पहले की बैठक में ट्रैक्टर के कल-पुर्जों पर लगने वाले टैक्स की दर 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत कर चुकी है।

जीएसटी काउंसिल बॉयोडीजल,  हाउसकीपिंग, कार्पेंट्री इतायदि पर टैक्स की दर कम कर सकती है। पिछले साल नवंबर में जीएसटी काउंसिल ने करीब 200 वस्तुओं पर टैक्स की दर कम की थी।  पेट्रोल-डीजल अभी जीएसटी के तहत नहीं शामिल किए गये हैं।

 

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