बजट 2018: दलितों और जनजातियों के लिए कई घोषणाएं, इस साल बढ़ा आवंटन
By IANS | Published: February 1, 2018 02:54 PM2018-02-01T14:54:12+5:302018-02-01T14:55:29+5:30
जेटली ने कहा कि यह आवंटन अनुसूचित जातियों के समुदाय के लिए 279 कार्यक्रमों के लिए और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 305 कार्यक्रमों के लिए है।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को आम बजट पेश किया। इसबार बजट में उन्होंने अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए धन के आवंटन को बढ़ा दिया है। अनुसूचित जाति के लिए 56,619 करोड़ रुपये और अनुसूचित जनजाति के लिए 39,135 करोड़ रुपये किया गया है। चुनावी बजट में दलितों व आदिवासियों की नाराजगी दूर करने का भरसक प्रयास करते हुए जेटली ने कहा, "मैं 2018-19 के बजट में अनुसूचित जातियों के लिए 56,619 करोड़ रुपये व अनुसूचित जनजातियों के 39,135 करोड़ रुपये अलग से आवंटन करने का प्रस्ताव करता हूं।"
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जेटली ने कहा कि यह आवंटन अनुसूचित जातियों के समुदाय के लिए 279 कार्यक्रमों के लिए और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 305 कार्यक्रमों के लिए है। जेटली ने कहा कि 2017-18 के लिए आरई (संशोधित अनुमान) का निर्धारित आवंटन अनुसूचित जातियों के लिए 52,719 करोड़ रुपये व अनुसूचित जनजातियों के लिए 32,508 करोड़ रुपये था।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया। करीब डेढ़ घंटे के अपने भाषण में वित्त मंत्री ने समाज के हर तबके लिए कुछ ना कुछ घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री के भाषण के फौरन बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। उन्होंने इस बजट को 'न्यू इंडिया' और लोगों का जीवन स्तर सुधारने वाला बजट बताया है। उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनकी पूरी टीम को इस दूरदर्शी बजट के लिए बधाई दी है।