Budget 2018: जब अरुण जेटली चाहते थे कांग्रेस इनकम टैक्स छूट की सीमा करे 5 लाख!
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 1, 2018 02:10 PM2018-02-01T14:10:29+5:302018-02-01T15:59:31+5:30
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोक सभा चुनाव 2014 में प्रचार के दौरान माँग की थी कि आयकर छूट की सीमा पाँच लाख रुपये की जानी चाहिए।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार (01 फ़रवरी) को नरेंद्र मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बज़ट पेश किया। बज़ट से पहले नौकरीपेशा मध्यमवर्गीय को उम्मीद थी कि सरकार इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाएगी लेकिन जेटली ने जनता को इस मामले में निराश किया। नरेंद्र मोदी सरकार ने सामान्य लोगों के लिए टैक्स छूट की सीमा जरा भी नहीं बढ़ाई। हैरत की बात ये है कि ख़ुद वित्त मंत्री अरुण जेटली साल 2014 में लोक सभा चुनाव प्रचार के दौरान टैक्स छूट की सीमा पाँच लाख रुपये करने की माँग करते थे। अरुण जेटली ने यह सीमा पाँच लाख रुपये करने के पीछे का "अर्थशास्त्र" को भी समझाया था। जेटली ने तब कांग्रेसनीत यूपीए सरकार की टैक्स छूट की सीमा न बढ़ाने के लिए कड़ी आलोचना की थी।
मौजूदा दर के अनुसार ढाई लाख रुपये सालाना आय तक कोई इनकम टैक्स नहीं लगता। ढाई लाख से पाँच लाख रुपये तक पाँच प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है। पाँच लाख रुपये से 10 लाख रुपये सालाना आय पर 20 प्रतिशत टैक्स लगता है। 10 लाख रुपये से ज्यादा सालाना आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर छूट की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की थी। उसके बाद मोदी सरकार ने यह सीमा नहीं बढ़ाई।
साल 2014 में इनकम टैक्स छूट की सीमा दो लाख रुपये थी। अरुण जेटली ने साल 2014 में अमृतसर में लोक सभा चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि इसे पाँच लाख किया जाना चाहिए जिससे तीन करोड़ लोगों को लाभ होगा। जेटली ने 2014 में कहा था, "प्रत्यक्ष कर को कम किया जाना चाहिए। अगर इनकम टैक्स छूट की सीमा दो लाख रुपये से पाँच लाख रुपये कर दिए जाएंगे तो तीन करोड़ लोगों का 24 करोड़ रुपये बचेंगे और इसका नेशनल टैक्स फंड पर बहुत मामूली ( करीब 1 से 1.15 प्रतिशत) फर्क पड़ेगा।"
जेटली ने इनकम टैक्स छूट की सीमा पाँच लाख रुपये करने को देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर बढ़ेगा। जेटली ने तब कहा था, "इनकम टैक्स स्लैब में छूट से होने वाली 24 करोड़ रुपये बचत जब आम लोगों की जेब में जाएगी तो इससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी जिससे वैट और एक्साइज ड्यूटी बढ़ेंगे।"
विडंबना ये है कि आज अरुण जेटली ने पाँचवी बार केंद्रीय बज़ट पेश किया लेकिन वो यूपीए सरकार के दो लाख रुपये के इनकम टैक्स छूट की सीमा को ढाई लाख रुपये से ज्यादा नहीं कर सके।