बीएसएनएल की आमदनी 5 सालों में घटी 6000 करोड़ रुपये, संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा, "अब भी है इसके पुनर्जीवन की आशा"
By शरद गुप्ता | Published: December 14, 2022 06:15 PM2022-12-14T18:15:01+5:302022-12-14T18:19:48+5:30
संसद में केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीएसएनएल की पिछले 5 वर्षों में कम हुई 6000 करोड़ रुपये की आय के बावजूद कहा कि सरकार अब भी इसके पुनर्जीवन की आशा करती है।
दिल्ली: भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की आय पिछले 5 वर्षों के दौरान 6000 करोड़ रुपये कम हो गई है लेकिन अब भी उसका घाटा पहले जितना ही बना हुआ है। इस कारण केंद्र सरकार को अब भी किसी करिश्मे की उम्मीद है कि शायद बीएसएनएल फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो जाए। केंद्र को यह उम्मीद इस कारण है क्योंकि उसने इसी वर्ष जुलाई में बीएसएनएल को पुनर्जीवित करने के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया था।
सरकार द्वारा लोकसभा में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2017-18 में बीएसएनएल को 25071 करोड़ रुपए की आय हुई थी जबकि उसका घाटा 7993 करोड़ रुपए था। इस वर्ष 30 सितंबर तक बीएसएनएल को होने वाली आय 9366 करोड़ रुपए है, वहीं उसका घाटा कम होकर 3589 करोड़ों रुपए रह गया है। पिछले वर्ष उसे 19052 करोड़ रुपये की आय हुई थी और घाटा 6982 करोड़ रुपये का था।
इस संबंध में केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भाजपा सांसद जीएम सिद्धेश्वर द्वारा संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार को अब भी न सिर्फ बीएसएनएल के पुनर्जीवन की आशा है बल्कि वो स्वदेशी 4G ओर 5G तकनीक भी अपनाने के साथ फिर से बाजार में चुनौती दे सकती है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत बीएसएनएल में केवल स्वदेशी तकनीक के जरिए ही विश्व स्तरीय 4जी और 5G सेवाएं दी जाएंगी।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बीएसएनएल का अधिकतर घाटा कर्मचारियों की भारी सैलरी, कर्ज का दबाव और कुछ इलाकों को छोड़कर अधिकतर देश में 4G सेवाओं की कमी और निजी मोबाइल सेवा प्रदाताओं से मिल रही प्रतिस्पर्धा के कारण है। हालांकि साथ ही उन्होंने इस बात का भी दावा किया कि सरकार द्वारा कर्मचारियों को वीआरएस देने, कर्ज़ की रिस्ट्रक्चरिंग, बॉन्ड जारी करने, 4जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन और कोर और नॉन को संपत्तियों को बेचकर पैसा जुटाने की वजह से पिछले वर्ष बीएसएनएल का चालू बजट घाटे का नहीं रह गया है।
मालूम हो कि बीते जुलाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 1.64 लाख करोड़ रुपए का पैकेज जारी करते समय केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की थी इसमें सिर्फ 43964 करोड़ रुपए का ही कैश है, जबकि 1.2 लाख करोड़ रुपए का नॉन कैश हिस्सा इसे अगले 4 वर्षों के दौरान मिलेगा।