बीपीसीएल ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए बार्क से हाथ मिलाया
By भाषा | Updated: December 13, 2021 19:09 IST2021-12-13T19:09:10+5:302021-12-13T19:09:10+5:30

बीपीसीएल ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए बार्क से हाथ मिलाया
नयी दिल्ली, 13 दिसंबर सार्वजनिक क्षेत्र की भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) ने हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिये इलेक्ट्रोलाइजर प्रौद्योगिकी को लेकर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) के साथ गठजोड़ किया है। कंपनी ने 2040 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है और यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है।
बीपीसीएल के चेयरमैन ए के सिंह ने सोमवार को कहा कि तेल शोधन और ईंधन विपणन कंपनी की योजना बार्क के सहयोग से रिफाइनरी में उपयोग के लिए स्वदेशी अल्कलाइन इलेक्ट्रोलाइजर प्रौद्योगिकी को बढ़ाने की है।
इलेक्ट्रोलाइजर बिजली का उपयोग करके पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सिजन में विभाजित करता है। हरित हाइड्रोजन के लिए इलेक्ट्रोलिसिस को लेकर अक्षय ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि वर्तमान में इलेक्ट्रोलाइजर संयंत्रों का आयात किया जाता है और यह सहयोग ‘हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए अल्कलाइन इलेक्ट्रोलाइजर प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाने’ के लिए है।
नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए देश की प्रतिबद्धता को समर्थन देने के लिए यह अपनी तरह की पहली पहल है।
भारत ने 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इसके लिये कुल ऊर्जा में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी मौजूदा 38 प्रतिशत से बढ़ाकर 2030 तक 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।
तेल परिशोधन इकाइयां रिफाइनरी में पेट्रोल, डीजल और अन्य रसायनों को बनाने को लेकर सल्फर हटाने के लिए बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन का उपयोग करती हैं। वर्तमान में, ‘स्टीम-मिथेन रिफॉर्मिंग’ के जरिये रिफाइनरी में हाइड्रोजन बनाया जाता है। लेकिन इसके परिणामस्वरूप भारी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन होता है।
इसलिए पेट्रोलियम कंपनियां हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रोलाइज़र स्थापित कर रही हैं और इस तरह हाइड्रोजन उत्पादन को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त कर रही हैं।
सिंह ने कहा कि बीपीसीएल पर्यावरण संरक्षण के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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