पटनाः केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार की रात 9:30 बजे पटना पहुंचेंगे, जहां वे रात्रि विश्राम करेंगे। इसके बाद 8 अगस्त की सुबह वे सीतामढ़ी के पुनौरा धाम के लिए रवाना होंगे, जहां उनके द्वारा मां सीता के भव्य मंदिर का शिलान्यास एवं भूमिपूजन किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे। यह मंदिर अयोध्या के श्री राम मंदिर की तर्ज पर भव्य रूप में तैयार किया जाएगा। पुनौरा धाम में मां जानकी मंदिर निर्माण के लिए 882.87 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। पुनौरा धाम को मां सीता का जन्म स्थल माना जाता है, लेकिन दशकों से यह स्थल अपेक्षित ध्यान और विकास से वंचित रहा है। अब केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इसे एक बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने जा रही हैं।
बिहार सरकार ने मंदिर निर्माण और उससे जुड़े विकास कार्यों के लिए विशेष बजट भी स्वीकृत कर दिया है, जो 882.87 करोड़ रुपए है। माना जा रहा है कि इस मंदिर के निर्माण से मिथिला क्षेत्र में पर्यटन को नया बल मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह कदम केवल धार्मिक महत्व तक सीमित नहीं है।
बल्कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा भी है। राम मंदिर की सफलता और उसकी राष्ट्रव्यापी लोकप्रियता को देखते हुए अब भाजपा और जदयू गठबंधन इस भावनात्मक मुद्दे को बिहार में भी दोहराना चाहता है। माँ सीता के नाम पर भावनात्मक जुड़ाव खासतौर पर महिलाओं और मिथिलांचल के मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है।
एनडीए के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि मंदिर निर्माण की घोषणा और उसका शिलान्यास चुनाव से पहले हिंदू वोट बैंक को एकजुट करने में मदद करेगा। साथ ही, मिथिला की सांस्कृतिक अस्मिता को प्रमुखता देकर क्षेत्रीय गर्व की भावना को भी हवा दी जाएगी। इन सबके बीच अब 8 अगस्त को पुनौरा धाम पर देशभर की निगाहें टिकी रहेंगी।
जहां मां जानकी के नाम पर एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। बता दें कि पुनौरा धाम परिसर में बनने वाले मां जानकी मंदिर की भव्यता को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इस मंदिर का वास्तु डिजाइन अयोध्या राम मंदिर के प्रमुख वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा द्वारा तैयार किया गया है।
मंदिर की ऊंचाई 156 फीट होगी, जो कि अयोध्या राम मंदिर (161 फीट) से केवल 5 फीट कम है। इसे 36 महीने की समयावधि में पूरा किया जाएगा। यह मंदिर न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का धार्मिक तीर्थ स्थल बनाया जाएगा। इसमें धर्मशालाएं, धार्मिक संग्रहालय, यात्री सुविधाएं, और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाले अन्य संसाधन भी विकसित किए जाएंगे।
इस शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कई केंद्रीय और राज्य स्तरीय मंत्री, गणमान्य अतिथि, साधु-संत और हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहेंगे। इसे एक ऐतिहासिक आयोजन के रूप में देखा जा रहा है। इस आयोजन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं।