बिहार सबसे पिछड़ा राज्य, सीएम नीतीश ने एकबार फिर से उठाई विशेष राज्य के दर्जे की मांग
By एस पी सिन्हा | Updated: December 13, 2021 20:01 IST2021-12-13T20:00:47+5:302021-12-13T20:01:44+5:30
बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जरूरी नहीं है. केंद्र काफी मदद कर रहा है.

बिहार पिछड़ा राज्य है, ये स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है. राज्य के विकास के लिए बहुत कुछ किया गया है.
पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग एकबार फिर से उठाई है. हालांकि, विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर राज्य मंत्रिपरिषद दो भागों में बंट गई है. बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने कहा की बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है.
सबसे पिछडे़ राज्य को जब विकसित राज्य नहीं बनाया जायेगा, तब तक ट्रांसफोर्मिंग इंडिया कैसे होगा? अब भारत में विकसित राज्यों का ट्रांसफॉर्म नहीं होना है. आज जनता दरबार के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कहा कि 2005 के बाद हमने प्रदेश के विकास के लिए कई काम किये. लेकिन अगर बिहार सबसे पिछड़ा है तो इसे विकसित करने के लिए विशेष दर्जा देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बिहार पिछड़ा राज्य है, ये स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है. राज्य के विकास के लिए बहुत कुछ किया गया है. पिछले कई सालों में राज्य में तरक्की हुई है. महिलाओं का विकास हुआ है. दंगा-फसाद बंद हो गया है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग कहता है कि बिहार पिछड़ा राज्य है. इसीलिए हम कह रहे हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए.
नीतीश कुमार ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा किसी के खिलाफ नहीं राज्य के हित में हैं. मुख्यमंत्री ने कहा की देश के कई राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है. उनका कितना विकास हुआ है. इस तरह की सुविधा सभी पिछड़े राज्यों को मिलेगा तो देश विकसित हो जायेगा. उन्होंने कहा की बिहार में ग्रोथ रेट बहुत ज्यादा है. लेकिन इतनी आबादी होने के बाद ग्रोथ कितना होगा.
भाजपा नेत्री व सूबे की उप मुख्यमंत्री रेणु देवी का बिना नाम लिये मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने यहां किसी के मन में कोई बात आई है तो इसपर जरूर बात करेंगे. ये समझना होगा कि ये किसी के खिलाफ नहीं बल्कि राज्य के हित में है. बता दें की पिछले दिनों रेणु देवी ने कहा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जरूरी नहीं है. केंद्र काफी मदद कर रहा है.
उन्होंने कहा था की विशेष राज्य के दर्जा मिलने से क्या होगा. उससे अधिक मदद मिल रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 के बाद से बिहार के विकास के लिए हमने बहुत काम किए हैं. 2004-05 में राज्य का बजट 23,875 करोड़ था. वहीं 2021-22 में राज्य सरकार का बजट 2,18,000 करोड़ 2004-05 में प्रति व्यक्ति आय 7,914 रुपये और 2019-20 तक ये बढ़कर प्रति व्यक्ति 50,735 रुपये हो गई है.
नीतीश ने राज्य के पीछे होने की वजह क्षेत्रफल को भी बताया. उन्होंने कहा कि बिहार का क्षेत्रफल देश के अन्य राज्यों में 12वें नंबर पर है. आबादी में पूरे देश में बिहार तीसरे नंबर पर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सबसे पीछे है इसलिए हमने एक रिपोर्ट भेजी है. अगर नीति आयोग ये कहता है कि बिहार पिछड़ा है तो पिछड़े को ही आगे बढ़ाया जाए.
उन्होंने कहा कि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाए तो बहुत सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि राज्य को आगे बढाने के लिए प्रयास करना होगा. प्रजनन दर को कम करना होगा. देश में सबसे अधिक आबादी बिहार में है. हर स्क्वायर किलोमीटर पर सबसे अधिक यहीं की आबादी है. इसलिए प्रजनन दर घटने में कइ साल लगेंगे.
कई राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला है, जिससे काफी फायदा हुआ है. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार को अतिरिक्त सहायता देने की जरूरत है. जिसके बाद बिहार आगे बढे़गा और देश भी इससे आगे बढे़गा. विशेष दर्जे से केंद्र की हिस्सेदारी बढे़गी व योजनाओं में केंद्र का हिस्सा 60 के बदले 90 प्रतिशत होगा. उन्होंने साफ कहा कि बिहार के विकास के बिना भला देश का विकास कैसे होगा.