चीन से बड़े निवेशकों का हो रहा मोह भंग, अगले 1 दशक में भारत में ये कंपनियां होंगी बड़ी इनवेस्टर
By आकाश चौरसिया | Published: February 6, 2024 12:57 PM2024-02-06T12:57:02+5:302024-02-06T13:32:46+5:30
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट की मानें तो यहां तक कि जापान की पारंपरिक रूप से खुदरा निवेशक भी भारत में ज्यादा निवेश कर रहा है और अब चीन में निवेश कम कर रही है।
Share Market: गोल्डमैन सेक्स और मॉर्गन स्टेनली जैसे बड़े निवेशक अब चीन से बाहर निकलकर भारत का रुख कर रहे हैं। ये सभी कहीं न कहीं अगले एक दशक में भारत के सबसे बड़े निवेशक बनने जा रहे हैं।
62 बिलियन डॉलर के हेज फंड धारित मार्शल वेस ने अपने प्रमुख हेज फंड में अमेरिका के बाद भारत को अपने सबसे बड़े शुद्ध लंबी अवधि में निवेश करने का मन बनाया है। ज्यूरिख स्थित वोंटोबेल होल्डिंग एजी की एक शाखा ने देश को अपनी शीर्ष उभरती बाजार हिस्सेदारी बना ली है और जानूस हेंडरसन ग्रुप पीएलसी फंड-हाउस अधिग्रहण की खोज कर रहा।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां तक कि जापान के पारंपरिक रूप से रूढ़िवादी खुदरा निवेशक भी भारत में ज्यादा निवेश कर रहा है और जबकि, चीन में निवेश कम कर रही है। कंपनियों का भारत में निवेश करने के कई कारण हैं। इस पर बात करते हुए सिंगापुर में एम एंड जी इन्वेस्टमेंट्स के एशियाई इक्विटी पोर्टफोलियो मैनेजर विकास प्रसाद ने कहा कि भारत में सभी निवेशक एक लंबी अवधि विकास को देख रहे हैं ।
पोर्टफोलियो मैनेजर विकास ने कहा कि लोग ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत में क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के आधारभूत ढांचे में बदलाव हुआ है। इससे वैश्विक निवेशकों का ध्यान भारत की ओर बढ़ा है। बीजिंग में पूर्ति हो पाने में दिक्कत हो रही है।