अपीलीय न्यायाधिकरण ने आलोक इंडस्ट्रीज की समाधान योजना के खिलाफ गेल की याचिका खारिज की
By भाषा | Updated: October 4, 2021 22:26 IST2021-10-04T22:26:11+5:302021-10-04T22:26:11+5:30

अपीलीय न्यायाधिकरण ने आलोक इंडस्ट्रीज की समाधान योजना के खिलाफ गेल की याचिका खारिज की
नयी दिल्ली चार अक्टूबर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सोमवार को आलोक इंडस्ट्रीज की दिवाला समाधान योजना को चुनौती देने वाली गेल इंडिया लिमिटेड (गेल) की याचिका खारिज कर दी।
आलोक इंडस्ट्रीज को अब रिलायंस इंडस्ट्रीज और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के एक समूह ने अधिग्रहण कर लिया है।
सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनी गेल ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की अहमदाबाद पीठ के आदेश को चुनौती दी थी। एनसीएलटी ने आठ अगस्त, 2019 के अपने फैसले में आलोक इंडस्ट्रीज की दिवाला समाधान योजना को मंजूरी दी थी।
इस समाधान योजना में आलोक इंडस्ट्रीज ने तीन लाख रुपये से कम बकाया वाले सभी परिचालन कर्जदाताओं को 100 प्रतिशत भुगतान देने जबकि 3 लाख रुपये से अधिक बकाया वालों को कोई पैसा नहीं देने का फैसला किया था।
आलोक इंडस्ट्रीज के साथ गैस बिक्री समझौता और 506.42 रुपये लेने का दावा करने वाली गेल इंडिया ने एनसीएलएटी का रुख किया था। उसने अपनी याचिका में इस समाधान योजना को 'अनुचित और मनमाना' करार देते हुए कहा कि यह समाधान समान व्यवहार करने में विफल रहा है।
गेल ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि समाधान योजना में वितरण दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के प्रावधानों के अनुसार निष्पक्ष और न्यायसंगत होना चाहिए।
अपीलीय न्यायाधिकरण की दो सदस्यीय पीठ ने हालांकि गेल की याचिका को खारिज कर दिया और एनसीएलटी द्वारा पारित आदेशों को बरकरार रखा। उसने कहा कि कंपनी को योजना के तहत परिचालन को लेकर कर्ज देने वालों के वर्गीकरण की अनुमति है।
कार्यवाहक चेयरमैन न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली अपीलीय न्यायाधिकरण की पीठ ने कहा, "परिचालन को लेकर कर्ज देने वाले कर्जदाताओं को अलग-अलग वर्गों में वर्गीकृत करने के लिए धन किस प्रकार वितरित किये जाए, इसको लेकर कोई प्रतिबन्ध नहीं है...।
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