इनकम टैक्स में राहत के लिए सभी की निगाहें वित्तमंत्री सीतारमण के दूसरे आम बजट पर टिकीं, लेकिन सरकार के पास है बड़ी चुनौती

By भाषा | Published: January 1, 2020 05:40 PM2020-01-01T17:40:10+5:302020-01-01T17:40:10+5:30

कंपनी कर में की गई इस कटौती से केन्द्र सरकार के राजस्व में 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी आने का अनुमान लगाया गया।

All eyes on Nirmala Sitharaman's second Budget for tax relief | इनकम टैक्स में राहत के लिए सभी की निगाहें वित्तमंत्री सीतारमण के दूसरे आम बजट पर टिकीं, लेकिन सरकार के पास है बड़ी चुनौती

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Highlightsआयकर में राहत पाने के लिये आम करदाता की नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दूसरे आम बजट पर लगी हैं। वित्त मंत्री ने सितंबर में कंपनियों के लिये कर में बड़ी कटौती की घोषणा कर सभी को हैरान कर दिया।

आयकर में राहत पाने के लिये आम करदाता की नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दूसरे आम बजट पर लगी हैं। लेकिन आर्थिक क्षेत्र में छाई सुस्ती और कंपनी कर में की गई भारी कटौती को देखते हुये आयकर में कोई बड़ी राहत देना उनके लिये कड़ी चुनौती हो सकती है। सीतारमण को जुलाई, 2019 में पेश अपने पहले बजट में इस बात को लेकर काफी आलोचना सहनी पड़ी थी कि उन्होंने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिये कुछ खास नहीं किया। इसके बाद वित्त मंत्री ने सितंबर में कंपनियों के लिये कर में बड़ी कटौती की घोषणा कर सभी को हैरान कर दिया।

कंपनी कर में की गई इस कटौती से केन्द्र सरकार के राजस्व में 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी आने का अनुमान लगाया गया। इसके साथ ही कई वस्तुओं पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की दरों में भी कमी की गई। आवास, इलेक्ट्रिक वाहन, होटल में ठहरने का किराया, हीरे के जॉबवर्क और घर से बाहर होने वाली कैटरिंग जैसी गतिविधियों पर जीएसटी में कमी की गई। कर दरों में की गई कटौती के साथ साथ ही कमजोर चाल से चल रही अर्थव्यवस्था में उपभोग में आती गिरावट, राजस्व संग्रह में सुस्ती के कारण बजट में तय राजस्व लक्ष्यों को हासिल करना वित्त मंत्री के समक्ष बड़ी चुनौती खड़ी कर रहा है।

आम नौकरीपेशा और सामान्य करदाता इन सब बातों को दरकिनार करते हुये मोदी सरकार की दूसरी पारी में कर दरों में राहत की उम्मीद लगाये बैठा है। सरकार ने हालांकि आम नौकरीपेशा लोगों की पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय को पहले ही करमुक्त कर दिया है। लेकिन कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया।

मौजूदा स्लैब के मुताबिक ढाई लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं है जबकि 2.50 लाख से पांच लाख पर पांच प्रतिशत, पांच से 10 लाख रुपये की वार्षिक आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से अधिक की कमाई पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लागू है। 60 साल के वरिष्ठ नागिरक और 80 साल से अधिक के बुजुर्गों के लिये क्रमश तीन लाख और पांच लाख रुपये तक की आय कर मुक्त रखी गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री को आयकर स्लैब में बदलाव करना चाहिये। पिछले कई सालों से इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2020- 21 का आम बजट पेश करेंगी। जीएसटी परिषद की चार बैठकों की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की है। इस तरह की आखिरी बैठक दिसंबर में हुई जिसमें आर्थिक सुस्ती के चलते राजस्व संग्रह में आ रही कमी पर गौर किया गया।

इसी आर्थिक सुस्ती का परिणाम है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में छह साल के निम्न स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गई। इसके बाद सरकार ने अर्थव्यवस्था में गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये अनेक उपाय किये। छह साल के निम्न स्तर पर पहुंच आर्थिक वृद्धि और 45 साल के उच्च स्तर पर पहुंची बेरोजगारी दर से जूझ रही सरकार ने पिछले साल सितंबर में कॉरपोरेट कर की दर को करीब 10 प्रतिशत घटाकर 25.17 प्रतिशत पर ला दिया। यह दर चीन और दक्षिण कोरिया जैसे एशिया से बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुये की गई है।

नई विनिर्माण इकाइयों को निवेश के लिये आकर्षित करने के लिये 15 प्रतिशत कर की दर तय की गई। वित्त मंत्री ने कंपनियों के लिये कॉरपोरेट कर की मूल दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया, अधिभार और उपकर मिलाकर यह दर 25.17 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। इसके साथ ही एक अक्टूबर 2019 के बाद विनिर्माण क्षेत्र में उतरने वाली और 31 मार्च, 2023 से पहले कामकाज शुरू करने वाली नई कंपनियों के लिये कंपनी कर की दर घटाकर 15 प्रतिशत कर दी गई।

यहां यह उल्लेखनीय है कि चीन, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया की कंपनियां अपने मुनाफे पर 25 प्रतिशत की दर से कर देती हैं। वहीं मलेशिया की कंपनियां 24 प्रतिशत की दर से कर भुगतान करती हैं। एशिया क्षेत्र में केवल जापान ही ऐसा देश है जहां कंपनियों के लिये कर की दर 30.6 प्रतिशत है। हांगकांग में सबसे कम 16.5 प्रतिशत की दर से कर लागू है। सिंगापुर में कॉरपोरेट कर की दर 17 प्रतिशत है।

थाइलैंड और वियतनाम में 20 प्रतिशत कर लगाया जाता है। सीतारमण ने पिछले साल जुलाई में पेश बजट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर अधिभार बढ़ा दिया था। बाद में इसे बाजार के दबाव में वापस लेना पड़ा। इसके साथ ही इक्विटी हस्तांतरण से मिलने वाले अल्पकालिक और दीर्घकालिक पूंजी लाभ को भी वापस ले लिया गया।

हालांकि, बजट में अमीरों पर कर अधिभार बढ़ा दिया गया। दो से पांच करोड़ रुपये सालाना की व्यक्तिगत आय पर बढ़े अधिभार के साथ प्रभावी कर की दर 39 प्रतिशत और पांच करोड़ रुपये से अधिक की सालाना व्यक्तिगत कमाई पर बढ़े अधिभार के साथ आयकर की प्रभावी दर 42.7 प्रतिशत तक पहुंच गई। बजट में स्टार्टअप कंपनियों की मुश्किल को दूर करने के भी उपाय किये गये। स्टार्ट अप निवेश पर ‘एजंल टैक्स’ को समाप्त करने के उपाय किये गये।

Web Title: All eyes on Nirmala Sitharaman's second Budget for tax relief

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