जेट एयरवेज के बाद अब पवनहंस की वित्तीय हालत खराब, कर्मचारियों की सैलरी रोकी
By आदित्य द्विवेदी | Published: April 28, 2019 12:02 PM2019-04-28T12:02:42+5:302019-04-28T12:02:42+5:30
जेट एयरवेज के बाद अब पवनहंस हेलीकॉप्टर वित्तीय संकट से जूझ रही है। कर्मचारियों की अप्रैल महीने की सैलरी रोक दी गई है।
जेट एयरवेज ठप्प पड़ जाने के बाद अब पवनहंस हेलीकॉप्टर पर वित्तीय संकट मंडरा रहा है। हालत इतनी बदतर हो गई है कि कर्मचारियों की अप्रैल महीने की सैलरी रोक दी गई है। इससे सैकड़ों कर्मचारी और उनका परिवार प्रभावित होगा। गौरतलब है कि पवनहंस ने बयान में बताया कि 2018-19 में उसे करीब 89 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। सरकार ने पिछले साल कंपनी में विनिवेश की प्रक्रिया शुरू की थी। पवनहंस लिमिटेड में सरकार की 51 प्रतिशत और ओएनजीसी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हालांकि बिक्री प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो सकी है।
माना जा रहा है कि पवनहंस लिमिटेड ने रोहिणी हेलीपोर्ट पर करीब 125 करोड़ रुपये निवेश किए थे। लेकिन कुछ दिनों बाद इसका संचालन बंद हो गया। इससे कंपनी को बड़ा वित्तीय झटका लगा। कंपनी ने कॉस्ट कटिंग का फैसला किया है, जिसका असर ओवर टाइम में कटौती और सैलरी रोक कर की जा रही है।
उषा पधी को सीएमडी का अतिरिक्त पदभार
नागर विमानन मंत्रालय में संयुक्त सचिव उषा पधी को पवनहंस लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त पदभार दिया गया था। यह नियुक्ति सात अप्रैल को की गई। हेलिकॉप्टर सेवा प्रदान करने वाली इस कंपनी का विनिवेश प्रस्तावित है। बी. पी. शर्मा के जनवरी में सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद रिक्त था।