खुदरा कर्ज लेने वालों में 28 प्रतिशत महिलाएं, बढ़ रहा है वित्तीय समावेशन : रिपोर्ट

By भाषा | Updated: March 8, 2021 17:06 IST2021-03-08T17:06:45+5:302021-03-08T17:06:45+5:30

28 percent of retail borrowers are women, increasing financial inclusion: report | खुदरा कर्ज लेने वालों में 28 प्रतिशत महिलाएं, बढ़ रहा है वित्तीय समावेशन : रिपोर्ट

खुदरा कर्ज लेने वालों में 28 प्रतिशत महिलाएं, बढ़ रहा है वित्तीय समावेशन : रिपोर्ट

मुंबई, आठ मार्च कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। आंकड़े के अनुसार खुदरा ऋण लेने वालों में 28 प्रतिशत महिलाएं हैं। इससे पता चलता है कि महिलाओं पर कर्ज का बोझ बढ़ा है, साथ ही उनके बीच वित्तीय समावेशन में भी सुधार हुआ है।

उद्योग के आंकड़ों से पता चलता है कि 2014 से बाहरी वित्त पर महिलाओं की निर्भरता 21 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।

सबसे बड़े क्रेडिट ब्यूरो ट्रांसयूनियन सिबिल की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, आज खुदरा ऋण बाजार में कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या 4.7 करोड़ पर पहुंच गई है। पिछले छह साल के दौरान सितंबर, 2020 तक खुदरा ऋण में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई है, जो सितंबर, 2014 में 23 प्रतिशत थी। इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि ऋण बाजार में महिलाओं का समावेशन बढ़ रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह खुदरा कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या में सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। वहीं इस अवधि में खुदरा ऋण लेने वाले पुरुषों की संख्या सालाना आधार पर 16 प्रतिशत बढ़ी है।

मंजूर ऋण राशि की बात की जाए, तो आज महिला कर्जदारों का इसमें हिस्सा 15.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पिछले छह साल के दौरान इसमें सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

ट्रांसयूनियन सिबिल की मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्षला चंदोरकर ने कहा कि श्रमबल में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ने के अलावा सरकार की नीतियों और उपायों से महिलाओं की आर्थिक अवसरों तक पहुंच बढ़ी है, जिससे खुदरा ऋण बाजार में उनकी हिस्सेदारी बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा कुछ राज्यों द्वारा घर खरीदने वाली महिलाओं से कम स्टाम्प शुल्क लिया जा रहा है। साथ ही बैंकों द्वारा भी कर्ज लेने वाली महिलाओं के लिए बेहतर नियम और शर्तों की पेशकश की जा रही है। उन्हें बैंक कर्ज पर ब्याज में कुछ छूट भी दी जा रही है। इन सब कारणों से खुदरा ऋण बाजार में उनकी हिस्सेदारी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज की किस्त के भुगतान में महिलाओं की स्थिति पुरुषों से बेहतर है। इससे पुरुषों की तुलना में उनका क्रेडिट स्कोर भी ऊंचा रहता है। ऐसे में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए उन्हें कर्ज देने आसान होता है।

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Web Title: 28 percent of retail borrowers are women, increasing financial inclusion: report

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