विद्या सिन्हा: अभिनेत्री जिसने 70 के दशक के हिंदी सिनेमा में प्रगतिशील कामकाजी महिला को चित्रित किया
By भाषा | Published: August 16, 2019 04:53 AM2019-08-16T04:53:00+5:302019-08-16T04:53:00+5:30
विद्या सिन्हा ने 70 के दशक की कामयाब फिल्मों "रजनीगंधा", "छोटी सी बात", तथा "पति-पत्नी और वो" में सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई थी। उनका लंबी बीमारी के बाद बृहस्पतिवार को मुंबई में निधन हो गया। वह 71 वर्ष की थीं।
विद्या सिन्हा...यह नाम जब भी आपके सामने आएगा तो निर्देशक बासु चटर्जी की फिल्म "छोटी सी बात" की उस कामकाजी महिला की तस्वीर आपके मन में उभर आएगी, जो शिफॉन की साड़ी पहन मुंबई की खचाखच भरी बसों में सफर करती है और शर्मीले स्वाभाव के अमोल पालेकर उनका पीछा करते हुए दिखाई देते हैं। सिन्हा ने 70 के दशक की कामयाब फिल्मों "रजनीगंधा", "छोटी सी बात", तथा "पति-पत्नी और वो" में सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई थी। उनका लंबी बीमारी के बाद बृहस्पतिवार को मुंबई में निधन हो गया। वह 71 वर्ष की थीं।
निर्माता प्रताप राणा की पुत्री सिन्हा ने अपना करियर 18 साल की उम्र में मॉडल के रूप में शुरू किया। उन्हें फिल्मों में पदार्पण से काफी पहले अपने पड़ोसी वेंकटेश्वरन से अय्यर से प्यार हुआ और 1968 में दोनों ने शादी कर ली। कहा जाता है कि अय्यर ने ही उन्हें "रजनीगंधा" में युवा छात्रा का किरदार निभाने के लिये प्रोत्साहित किया।
हालांकि वह 1974 में फिल्म "राजा काका" से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत कर चुकी थीं, लेकिन उन्हें असली पहचान मिली "रजनीगंधा" से। उन्होंने "छोटी सी बात" में बासु चटर्जी और अमोल पालेकर के साथ काम किया। यह फिल्म एक ही दफ्तर में काम करने वाले दो लोगों की प्रेम कहानी है।
हालांकि दोनों प्रेमियों के बीच असरानी का आगमन होता है और पालेकर तथा असरानी एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं। इसके अलावा सिन्हा ने "पति, पत्नी और वो" में एक चुलबुली की पत्नी का किरदार निभाया। वहीं संजीव कुमार के साथ उन्होंने "मुक्ति" फिल्म में सह-अभिनेत्री के रूप में अभिनय किया।
1980 के दशक में जब मध्यम वर्ग पर आधारित फिल्मों का चलन कम हो गया तो सिन्हा पर्दे से दूर हो गईं। इसके बाद वह सलमान खान की फिल्म "बॉडीगार्ड" में छोटे से किरदार में नजर आईं। इसके अलावा उन्होंने "काव्यांजलि", "कबूल है", चन्द्र नंदिनी और "कुल्फी कुमार बाजेवाला" जैसे टीवी धारावाहिकों में भी काम किया।