ऑस्कर जीतने वाली 'पैरासाइट' भी थी चोरी की! तमिल फिल्म से कॉन्सेप्ट चुराने का आरोप
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 13, 2020 08:28 AM2020-02-13T08:28:34+5:302020-02-13T08:28:34+5:30
हाल में साल 2019 की फिल्मों के लिए ऑस्कर अवॉर्ड्स की घोषणा की गई। इस बार साउथ कोरियन फिल्म 'पैरासाइट' को 4 कैटिगरी में ऑस्कर मिले हैं।
फिल्म इंडस्ट्री के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में एक अकादमी अवॉर्ड्स अर्थात ऑस्कर अवॉर्ड्स हाल ही में वितरित किए गए. इस बार साउथ कोरिया की फिल्म 'पैरासाइट' 4 कैटेगरी में ऑस्कर जीतकर दुनिया में छा गई. इस फिल्म को बेस्ट पिक्चर, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट फॉरेन फिल्म और बेस्ट स्क्र ीनप्ले के ऑस्कर अवॉर्ड्स मिले हैं.
इस बात को अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ कि तमिल फिल्मों के फैंस ने 'पैरासाइट' पर कॉन्सेप्ट चुराने का आरोप लगाया है. दावा किया जा रहा है कि 'पैरासाइट' का प्लॉट तमिल सुपरस्टार विजय की फिल्म 'मिन्सरा कन्ना' से चुराया गया है. बांग जून हो के निर्देशन में बनी फिल्म 'पैरासाइट' एक ऐसे परिवार की कहानी है जिसमें एक गरीब परिवार के सदस्य धीरे-धीरे एक अमीर परिवार में दाखिल हो जाते हैं और किसी को पता ही नहीं चलता है.
वे घर में अलग-अलग काम करते हैं और अमीर परिवार के लोगों को यह पता नहीं होता है कि उनके यहां काम करने वाले सभी लोग एक ही परिवार के हैं. विजय की 1999 में आई तमिल फिल्म 'मिन्सरा कन्ना' में मोनिका कास्टेलिनो, रंभा और खुशबू अहम किरदारों में नजर आईं थीं. फिल्म में कन्नन (विजय) को ऐश्वर्या (मोनिका कास्टेलिनो) से प्यार हो जाता है. ऐश्वर्या की बड़ी बहन इंदिरा देवी (खुशबू) एक रईस और नकचढ़ी महिला है जो अपनी छोटी बहनों ऐश्वर्या और प्रिया (रंभा) के लिए ओवर प्रोटेक्टिव है.
कन्नन अपनी पहचान छुपाकर उनके परिवार में बॉडी गार्ड के तौर पर काम करने लगता है. इसके बाद उसका छोटा भाई वेत्री नौकर और बहन कुक के तौर पर दाखिल हो जाती है. इंदिरा देवी को पता नहीं होता है कि उसके घर में काम करने वाले ये तीनों एक ही परिवार के हैं. इसी आधार पर विजय के फैन्स दावा कर रहे हैं कि 'पैरासाइट' का प्लॉट इस फिल्म से चुराया गया है. दोनों फिल्मों में क्या अंतर? भले ही दोनों फिल्मों का प्लॉट एक जैसा होने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन 'पैरासाइट' और 'मिन्सरा कन्ना' की कहानी काफी अलग है.
'मिन्सरा कन्ना' में एक लड़के और एक रईस लड़की की प्रेम कहानी दिखाई गई है जो बाद में एक हो जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ 'पैरासाइट' में एक अमीर और एक गरीब परिवार की ऐसी कहानी है जो घोर पूंजीवादी समाज में अमीरी और गरीबी में अंतर दिखाती है. 'पैरासाइट' की कहानी कुछ डार्क है जिसमें अंत में हिंसा और अजीब परिस्थितियां दिखाई जाती हैं.