सुशांत की बहन के खिलाफ दर्ज FIR को लेकर परिवार जाएगा कोर्ट, वकील दावा- मुंबई पुलिस दे रही रिया का साथ
By भाषा | Published: September 8, 2020 08:45 PM2020-09-08T20:45:53+5:302020-09-08T20:45:53+5:30
विकास सिंह ने कहा कि राजपूत की मौत का मामला गंभीर है और सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो जैसी कई एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं और वे आरोपी द्वारा ऐसी शिकायत दर्ज कराकर जांच को भटकाने नहीं देंगे।
सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के वकील विकास सिंह ने मंगलवार को दावा किया कि रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर मुंबई पुलिस द्वारा राजपूत की बहनों और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना गैर कानूनी है और वे इस मामले में कठोर कदम उठाएंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि राजपूत की मौत का मामला गंभीर है और सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो जैसी कई एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं और वे आरोपी द्वारा ऐसी शिकायत दर्ज कराकर जांच को भटकाने नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि फैसला लिया जाएगा कि सुशांत सिंह राजपूत का परिवार अवमाना याचिका दायर करे या इस मामले में उनकी (रिया की) शिकायत को खारिज कराने को लेकर अर्जी दे। सुशांत के परिजनों ने राजपूत की ‘लिव इन पार्टनर’ अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। विकास सिंह ने प्रेस वर्ता में आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘मुझे प्राथमिकी दिखाई गई। पहला विचार मेरे दिमाग में आया कि क्या बांद्रा पुलिस थाना उनका (चक्रवर्ती) दूसरा घर है। मुंबई पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करना पूरी तरह से गैरकानूनी है और उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवमानना है।’’
रिया को मिल रहा है मुंबई पुलिस का साथ
उन्होंने कहा, ‘‘शीर्ष न्यायालय ने साफ तौर पर कहा है कि मुंबई पुलिस केवल संबंधित प्रक्रिया के तहत प्राथमिकी दर्ज कर सकती है। उच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार चिकित्सा टीम गठित किए बिना डॉक्टर के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती।’’ उल्लेखनीय है कि रिया ने आरोप लगाया है कि प्रियंका सिंह, दिल्ली के डॉक्टर तरुण सिंह और अन्य ने 34 वर्षीय अभिनेता के तनाव का इलाज करने के लिए फर्जीवाड़ा कर दवा की फर्जी पर्ची बनाई।
मीतू और प्रियंका के खिलाफ रिया ने दर्ज कराई थी एफआईआर
रिया ने रविवार को बांद्रा पुलिस में शिकायत भेजी और प्रियंका सिंह और दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कार्यरत डॉ.तरुण सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, एनडीपीएस अधिनियम और टेलीमेडिसीन इलाज दिशानिर्देश के तहत मामला दर्ज करने की मांग की।