शाजा मोरानी की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने पर मिली अस्पताल से छुट्टी, पिता करीम और बहन जोया पर टिकी निगाहें
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 13, 2020 09:06 AM2020-04-13T09:06:17+5:302020-04-13T09:06:17+5:30
शाजा की बहन जोया ने वरुण धवन संग इंस्टाग्राम लाइव चैट पर अपनी हेल्थ का अपडेट दिया है। जोया ने बताया कि उनका इलाज कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में चल रहा है।
फिल्म निर्माता करीम मोरानी की बेटी शाजा मोरानी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। कोरोना से संक्रमित होने के बाद उन्हें गत दिनों हॉस्पिटलाइज किया गया था। शाजा ने कोरोना से जंग जीत ली है। वह ठीक होकर घर लौटी हैं। अब सबकी निगाहें कोरोना से पॉजीटिव पाए गए उनके पिता करीम और बहन जोया मोरानी पर टिकी हुई है। खबर है कि जोया भी इस बीमारी से ठीक हो गई हैं और 1-2 दिन में उन्हें भी अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
मोरानी की छोटी बेटी शाजा मार्च के पहले हफ्ते में श्रीलंका से लौटी थीं। उनमें कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद उन्हें मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती किया गया था। कुछ दिन के इलाज के बाद वह ठीक हो गईं। शाजा ने एक इंटरव्यू में कहा, ''मुझे दो बार नेगेटिव टेस्ट किया गया है, इसलिए मुझे अस्पताल से छुट्टी गई है। मैं घर जाकर बहुत खुश हूं। हालांकि, सुरक्षा सावधानी के रूप में मुझे घर पर 14 दिनों के लिए सेल्फ आइसोलेट करना होगा। सभी डॉक्टरों, सफाईकर्मियों और पेंट्री कार्यकर्ताओं का नि:स्वार्थ रूप से देखभाल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं अपने पूरे दिल से आशा करती हूं कि वे सभी सुरक्षित रहें और जल्द ही अपने घर जाएं।''
शाजा की बहन जोया ने वरुण धवन संग इंस्टाग्राम लाइव चैट पर अपनी हेल्थ का अपडेट दिया है। जोया ने बताया कि उनका इलाज कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में चल रहा है। अभी उनकी तबीयत पहले से ठीक है और शायद उन्हें एक-दो दिन में अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। क्योंकि उनकी तबीयत में काफी सुधार हुआ है और वह अब अच्छा महसूस कर रही हैं। हालांकि अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोी पुष्टि नहीं की गई है।
जोया ने बताया, ''जब से मैं अस्पताल आई हूं मुझे कई गुना बेहतर महसूस हुआ है। सांस की दिक्कत दूसरे दिन से ही खत्म हो गई थी। थोड़ा बुखार था लेकिन अब काफी अच्छा लग रहा है। ऐसा लग रहा है कि मेरा इलाज बहुत जल्द हो गया और अब मैं घर जा सकती हूं।''ऐसी है दिनचर्याजोया ने कहा, ''अस्पताल में मेरी दिनचर्या सुबह 6 बजे शुरू होती है। मैं उठती हूं, तरोताजा होती हूं और प्राणायाम करती हूं। मैं अपने डॉक्टर द्वारा सुझाए गए कुछ व्यायाम भी करती हूं।
कसरत के बाद चाय पीती हूं। अस्पताल की चाय वास्तव में बहुत अच्छी है। फिर मैं अपने परिवार के साथ फोन पर बातें करती हूं और हम एक-दूसरे के स्वास्थ्य के बारे में पूछते हैं। डॉक्टरों को उनके सूट (सुरक्षात्मक गियर) में घूमते हुए देखना मुझे चकित करता है। उन्हें देख कर मुझे लगता है कि मैं चंद्रमा पर हूं। यह काफी अलग अनुभव है और मुझे लगता है कि मुझे इसके माध्यम से होकर जाना होगा।''