शनिवार (30 दिंसबर) को संजय लीला भंसाली की अपकमिंग फिल्म पद्मावती को सेंसर बोर्ड (CBFC) द्वारा हरी झंडी मिलने पर करणी सेना ने बोर्ड को निशाने पर लिया है। राजपूत करणी सेना के नेता सुखदेव सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा है कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को अंडरवर्ल्ड के दबाव में रिलीज होने की अनुमती दी है। उन्होंने यह भी कहा कि करणी सेना फिल्म का विरोध करते रहेगी। फिल्म रिलीज के दिन हम सारे सिनेमा हॉल के बाहर तोड़-फोड़ करेंगे।
सेंसर बोर्ड ने फिल्म पद्मावती को रिलीज की अनुमती देते हुए फिल्म में 26 सीन भी कट्स किए हैं। 28 दिसंबर को हुई रिव्यू कमेटी बैठक के बाद यह फैसला हुआ है। सेंसर बोर्ड ने रिव्यू कमेटी की कुछ आपत्तियों को मान लिया है। पद्मावति फिल्म मध्यकालीन लेखक मलिक मोहम्मद जायसी के गीतकाव्य पद्मावत पर आधारित बताया जा रहा है। पद्मावती अवधी भाषा में लिखा गया है। इसमें दिल्ली के सुल्तान अल्लाहुद्दीन खिलजी द्वारा चित्तौड़ के राजा रतन सिंह पर हमले की कहानी कही गयी है। इस कहानी का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। जायसी ने खिलजी की मौत के करीब 200 साल बाद पद्मावत की रचना की थी।
बैठक में सेंसर चीफ प्रसून जोशी के साथ CBFC द्वारा गठित पैनल में उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़, जयपुर यूनिवर्सिटी के डॉ चंद्रमणी सिंह और प्रोफेसर के.के. सिंह शामिल हुए थे। फिल्म में रानी पद्मावती का किरदार एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण निभा रही हैं। इसके अलावा रणवीर सिंह खिलजी और शाहिद कपूर राजा रतन सिंह का रोल कर रहे हैं।
गौरतलब है कि फिल्म के ट्रेलर जारी होने के बाद ही इस पर विवाद शुरू हो गया था। करणी सेना समेत कई राजपूत संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया था। इनका कहना था कि फिल्म के कुछ सीन और घूमर गाना राजपूत समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं। ये विरोध इतना ज्यादा बढ़ गया था कि फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण को जाने से मारने की धमकी भी मिलने लगी थी।