Raazi Music Album Review: एकबार फिर चला शंकर-एहसान-लॉय और गुलजार का जादू
By आदित्य द्विवेदी | Published: May 10, 2018 11:23 AM2018-05-10T11:23:06+5:302018-05-10T11:35:58+5:30
आलिया भट्ट और विक्की कौशल के अभिनय से सजी फिल्म 'राज़ी' एक कश्मीरी मुस्लिम लड़की की कहानी है। इसके गाने फिल्म के प्लॉट और मूड को सपोर्ट करते हैं।
संगीतकार- शंकर-एहसान-लॉय
गीतकार- गुलजार
गायक- अरिजीत सिंह, सुनिधि चौहान
निर्देशक- मेघना गुलजार
रेटिंग- 3.5/5 स्टार
एक छोटे अंतराल के बाद शंकर-एहसान-लॉय की तिकड़ी फिर हाजिर है। फिल्म है मेघना गुलजार के निर्देशन में बनी 'राज़ी'। आलिया भट्ट और विक्की कौशल के अभिनय से सजी यह फिल्म एक कश्मीरी मुस्लिम लड़की की कहानी है। यह फिल्म हरिंदर सिक्का के थ्रिलर नॉवेल 'कॉलिंग सहमत' पर आधारित है। फिल्म के गीत गुलजार ने लिखे हैं। शंकर-एहसान-लॉय ने गुलजार के साथ मिलकर इससे पहले पांच फिल्मों के लिए उम्दा गाने दिए हैं।
राज़ी फिल्म का प्लॉट कश्मीर और मूड देशभक्ति। इस एल्बम में कुल चार गाने हैं। पहला गाना अरिजीत सिंह की आवाज में 'ऐ वतन' है। देशभक्ति के गीत में अरिजीत सिंह की आवाज को लेकर आपके मन में एक शंका जरूर आएगी कि यहां सुखविंदर सिंह को होना चाहिए। लेकिन गाना सुनते हुए आपको लगेगा अरिजीत ने बेहतरीन ट्रीटमेंट दिया है। गाने के कुछ नोट आपके रोएं खड़े कर देते हैं। इस गाने में एक रिफ्रेशिंग एनर्जी है जो बार-बार सुनने के लिए प्रेरित करती है। गुलजार के लिरिक्स ने 'ऐ वतन' को इसे हाल-फिलहाल का सबसे बेहतरीन देशभक्ति गीत बना दिया है। बकौल गुलज़ार इस गाने की धुन सिर्फ पांच मिनिट में तैयार हो गयी थी। इस गाने की एक और खासियत है की इसमें एक भी इलेक्ट्रिक इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
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एल्बम का दूसरा गाना सुनिधि चौहान ने गाया है। ये गाना 'ऐ वतन' का फीमेल वर्जन है। इस गाने का ट्रीटमेंट अलग है। ये गाना एक पुरानी नाथ (लब पे आती है दुआ बनके) के आलाप से शुरू होता है। गाने कोरस सुनकर ऐसा लगता है मानो स्कूली बच्चों की प्रेयर पढ़ी जा रही हो। ये सुनने में कानों को सुकून देता है। अगर तुलना करें तो सुनिधि की अपेक्षा अरिजीत सिंह के 'ऐ वतन' गाने में रिकॉल वैल्यू ज्यादा है। फिल्म में ये गाना आलिया भट्ट पर फिल्माया गया है जो बच्चों को स्कूल में ये गाना सिखाती हैं।
राज़ी एल्बम का तीसरा गाना 'दिलबरो' एक बिदाई गीत है जिसकी शुरुआत विभा सराफ के मखमली आलाप से होती है। गाने की शुरुआती कुछ पंक्तियां कश्मीरी में गाई जाती हैं जिसे किसी कश्मीर एल्बम से लिया गया है। उसके बाद हर्षदीप कौर गाने को हिंदी में आगे बढ़ाती हैं। हर्षदीप ने गीत को नखरे और नजाकत के साथ गाया है लेकिन इसे सुनते हुए कश्मीरी शादी की बजाए पंजाबी शादी के गाने का पुट आने लगता है। जो शायद उनकी आवाज में ही घुला हुआ है। गाने में सारंगी जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों और कोरस का अच्छा मिश्रण किया गया है। शंकर महादेवन इसमें माइक के पीछे अपनी मीठी सी आवाज़ में बेटी को बिदा करते हुए एक पिता का दर्द बखान करते हैं।
राज़ी फिल्म का टाइटल ट्रैक बेहद रोचक है। गाने की शुरुआत किसी ऊंचे सुर के लोकगीत से होती है और पीछे सारंगी की धुन बज रही होती है। उसके बाद अरिजीत सिंह इसे टिपिकल बॉलीवुड स्टाइल में गाते हैं। गुलजार ने इस गाने के मुखड़े को ऐसा लिखा है जो सही मायने में फिल्म का टाइटल ट्रैक हो सकता है। 'लगन की बाज़ी है, चोट भी ताज़ी है, लगा दे दांव पर दिल, अगर दिल राजी है।' यहां सुनें राजी फिल्म का पूरा एल्बम...
Final Verdict:- 19 मिनट के इस एल्बम में चार गाने हैं। शंकर-एहसान-लॉय और गुलजार की जोड़ी से कुछ और गानों की उम्मीद की जानी चाहिए। इससे एक बात तो साफ़ है की फिल्म में जबरन गाने ठुंसे नहीं गए हैं। लेकिन ये चार गाने भी अपना काम बखूबी कर रहे हैं। फिल्म में देशभक्ति का पुट और कश्मीर का प्लॉट है। ऐसे में फिल्म के गानों में भी कश्मीरी संगीत का अधिक प्रभाव देखने को मिलता तो क्या बात होती। अरिजीत सिंह ने साबित किया है कि वो सिर्फ रोमांटिक ही नहीं देशभक्ति के गाने भी उतना ही शानदार गा सकते हैं। पिछले बार उन्होंने हॉलीडे फिल्म के 'नैना अश्क ना हो' गाने से रुलाया था। शंकर-एहसान-लॉय ने इससे पहले एक और कश्मीर के ऊपर बनी फिल्म 'मिशन कश्मीर' में संगीत दिया था जिसके गाने आज भी पसंद किये जाते हैं।
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