Birthday Special: बारिश की बूंदों से संगीत बनाने वाले 'पंचम दा' का आज है जन्मदिन, 9 साल की उम्र में ही लिख दिया था गाना
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 27, 2018 07:48 AM2018-06-27T07:48:08+5:302018-06-27T11:35:19+5:30
पंचम दा को अपने सिने कैरियर में तीन बार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बॉलीवुड में अपने गीतों से सबको दीवाना बना देने वाले संगीतकार आर. डी. बर्मन का आज जन्मदिन है। 'पंचम दा' का जन्म 27 जून 1939 को कोलकाता में हुआ था। उनके पिता सचिन देव बर्मन की गिनती बॉलीवुड के महान संगीतकारों में होती है। बचपन से ही घर में फ़िल्मी माहौल होने के कारण उनका मन भी शुरू से ही संगीत में था। 1960 से 1990 तक बर्मन ने तक़रीबन 331 फिल्मों के लिए संगीत की रचना की थी। हिंदी फिल्म उद्योग में वे संगीतकार के रूप में ज्यादा सक्रीय थे। बर्मन ने आशा भोसले और किशोर कुमार के साथ सबसे ज्यादा काम किया है और ऐसे गाने गाये जिनसे वह प्रसिद्ध हो गए।
जब आर.डी. बर्मन केवल 9 साल के ही थे तभी उन्होंने अपने पहले गीत की रचना की थी, जिसका नाम था ऐ मेरी टोपी पलट के आ, इस गीत का उपयोग उनके पिता ने फिल्म फंटूश (1956) में किया था। सर जो तेरा टकराये गीत के तराने की रचना भी आर.डी. बर्मन ने बचपन में ही की थी, उनके पिता ने इसका उपयोग गुरु दत्ता की फिल्म प्यासा (1957) में किया था।
फ़िल्मी दुनिया में ‘पंचम’ के नाम से मशहूर आर.डी.बर्मन को यह नाम तब मिला जब उन्होंने अभिनेता अशोक कुमार को संगीत के पांच सुर सा.रे.गा.मा.पा गाकर सुनाया। 'पंचम दा' ने हिन्दी फिल्मों के अलावा बंगला, तेलुगु, तमिल, उडिया और मराठी फिल्मों में भी अपने संगीत के जादू से लोगो को मदहोश किया।आर.डी.बर्मन ने संगीत निर्देशन और गायन के अलावा ‘भूत बंगला’ (1965) और ‘प्यार का मौसम’ (1969) जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से भी दर्शकों को अपना दीवाना बनाया।
पंचम दा को अपने सिने कैरियर में तीन बार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इनमें ‘सनम तेरी कसम’,’मासूम’ और ‘1942 ए लवस्टोरी’ शमिल है। सुपरहिट फ़िल्म ‘शोले’ का गाना ‘महबूबा महबूबा…’ गाकर आरडी बर्मन ने अपनी अलग पहचान बनाई। अपने मधुर गीतों से लोगों को दीवाना बनाने वाले पंचम दा ने 4 जनवरी 1994 को इस दुनिया को अलविदा कहा।