नागराज मंजुले 10वीं में दो बार हुए थे फेल, चौथी क्लास में शराब की लग गई थी लत, ऐसी ही झुंड निर्देशक की कहानी
By अनिल शर्मा | Published: April 26, 2022 04:35 PM2022-04-26T16:35:21+5:302022-04-26T19:12:04+5:30
लोकप्रिय निर्देशक नागराज मंजुले सिर्फ 19 साल के थे, तब उनकी शादी हो गई थी। उस वक्त वह 12वीं में पढ़ रहे थे। नागराज मंजुले ने साल 2019 में Pistulya से निर्देशन में कदम रखा था।
मुंबईः क्या आपको पता है कि अपनी फिल्मों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले निर्देशक नागराज मंजुले 10वीं में दो बार फेल हुए थे। सैराट से लोकप्रियता की शिखर पर पहुंचनेवाले निर्देशक मंजुले की 10वीं की मार्कशीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। मंजुले के मार्कशीट पर बड़े अक्षरों में लिखा है- FAIL। मार्कशीट के मुताबिक, उन्हें 10वीं में 38.28% के साथ 700 में से 268 नंबर मिले थे।
गौरतलब बात है कि इस वायरल मार्कशीट को मंजुले ने साल 2015 में खुद ही अपने फेसबुक खाते से साझा किया था। इसे उन्होंने दोबारा 2018 में तब साझा किया जब महाराष्ट्र बोर्ड के 10वीं के नतीजे आनेवाले थे। इसे साझा करते वह उन छात्रों को प्रेरणा देने की कोशिश की थी जिनके परिणाम अच्छे नहीं आए या जो फेल हो गए।
मंजुले ने इसे साझा करते हुए लिखा, मैं 10वीं में दो बार फेल हुआ था. ऐसा नहीं है कि फेल होने से सबकुछ खत्म हो गया। मैं पहले प्रयास में पास हुआ होता तो आगे की कक्षा में गया होता, पर ऐसा नहीं हुआ. 10वीं, 12वीं, एमपीएससी, यूपीएससी जैसी परीक्षाएं आखिरी नहीं हैं। संसार में खुशी से रहना ही सबसे बड़ी कामयाबी है।
नागराज मंजुले की कहानी
बता दें कि नागराज का जन्म सोलापुर जिले के करमाला तहसील के पिछड़े गांव जेऊर में हुआ था। घर में गरीबी होने के कारण नागराज के पिता पोपटराव से उनके भाई बाबुराव मंजुले ने उन्हें गोद लिया। बचपन में नागराज को अपनी पढ़ाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी। हां, लेकिन फिल्मों के दीवाने थे। स्कूल बंक कर दोस्तों के साथ फिल्म देखने चले जाते थे। यही कारण रहा कि वह 10वीं में दो बार फेल हुए। रिपोर्ट्स बताते हैं कि नागराज को चौथी क्लास में ही शराब की लत लग गई थी।
मंजुले सिर्फ 19 साल के थे, तब उनकी शादी हो गई। उस वक्त वह 12वीं में पढ़ रहे थे। नागराज मंजुले ने साल 2019 में Pistulya से निर्देशन में कदम रखा था। 2014 में, उन्होंने अपनी पहली फीचर फिल्म फैंड्री बनाई। फिल्म को काफी आलोचनात्मक प्रशंसा मिली लेकिन सिनेमाघरों में प्रभाव डालने में असफल रही।
फैंड्री के लिए मंजुले को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का मराठी फिल्म फेयर, इंदिरा गांधी अवॉर्ड, बेस्ट फर्स्ट फिल्म अवॉर्ड मिल चुका है। वहीं साल 2009 में उनके निर्देशन में रिलीज हुई फिल्म पिस्तुल्या के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किया गया। 2016 में ही सैराट फिल्म को 69 वें नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया है।इसके अलावा पावसाला निबंधन के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। कम लोगों को पता है कि मंजुले एक अच्छे कवि भी हैं। मंजुले की मराठी कविताओं पर बेस्ड किताब 'उन्हाच्या कटाविरुद्ध' को भैरुरतन दमानी साहित्य पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। निर्देशक की हालिया फिल्म झुंड रिलीज हुई है जिसमें अमिताभ बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई है।