Mere Pyare Prime Minister review: समाज पर तंज कसती हुई, मां बेटे के प्यार की खूबसूरत कहानी को पेश करती है मूवी

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 14, 2019 10:59 AM2019-03-14T10:59:06+5:302019-03-14T10:59:06+5:30

निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा की फिल्म मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर 15 मार्च को पर्दे पर रिलीज होगी। लेकिन इस फिल्म के रिव्यू आ गए हैं।

Mere Pyare Prime Minister review: Lost in execution | Mere Pyare Prime Minister review: समाज पर तंज कसती हुई, मां बेटे के प्यार की खूबसूरत कहानी को पेश करती है मूवी

Mere Pyare Prime Minister review: समाज पर तंज कसती हुई, मां बेटे के प्यार की खूबसूरत कहानी को पेश करती है मूवी

निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा की फिल्म मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर 15 मार्च को पर्दे पर रिलीज होगी। लेकिन इस फिल्म के रिव्यू आ गए हैं। फिल्म की कहानी एक बच्चे की सिस्टम से जिद और काम करवाने के तरीके की है। पहले सीन से लेकर लास्ट सीन तक आप फिल्म के साथ पूरी तरह से बंधे रहेंगे। आइए जानते हैं कैसी है एक मां और बेटे की प्यार की और समाज पर प्रहार करती हुए फिल्म मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर।


कहानी

फिल्म की कहानी मुंबई के झुग्गियों में रहने वाले एक 8 साल के बच्चे के इर्द गिर्द घूमती है। एक गरीब महिला सरगन(अंजलि पाटिल) अपने 8 साल के बेटे कान्हू(ओम कनौजिया) के साथ रहती है। मां और बेटे प्यार के साथ अपनी जिंदगी जी रहे होते हैं, जो छोटी-छोटी खुशी में खुश हो जाते हैं। लेकिन कान्हू अपने इलाके में शौच की सुविधा न होने के कारण परेशान होता है।इसी बीच एक दिन शौच से लौटते समय उस बच्चे की मां का बलात्कार हो जाता है। इस घटना का असर सिर्फ मां पर ही नहीं बल्कि उसके बच्चे के दिलो-दिमाग पर भी पड़ता है। 

बचपन और मासूमियत से भरा वो बच्चा अपने इलाके में शौचालय बनवाने की जिद्द पकड़ बैठता है। इसके लिए वह कई कोशिशें करता है ताकि अंत में वो अपनी मां को खुश देख सके। फिर वह नन्हा बच्चा निकल पड़ता है अपनी मां के   इस सफर पर और प्रधानमंत्री के ऑफिस में जाकर किसी तरह से अपनी अर्जी देता है। इसी लड़ाई के लिए कान्हू भारत के प्राइम मिनिस्टर तक पहुंच जाता है और लोकतंत्र की ताकत का अहसास कराता है। अब आगे क्या होता है वह बच्चा पीएम से मिल पाता है कि नहीं ये देखने के लिए आपको थिएटर में ही जाना होगा।

क्या देखें

फिल्म में साइड कास्ट में कान्हू के दोस्त रिंगटोन और निराला बीच-बीच में हंसाते हैं। कान्हू के दोस्तों से लेकर अंजलि की पड़ोसन राबिया(रसिका अगाशे) ये पूरी कास्ट बेहतरीन ढंग पर्दे पर कहानी को दर्शाती है। फिल्म में मां-बेटे के प्यार के अलावा एक मैसेज दिया गया है।  फिल्म के ऐसे बहुत सारे पार्ट हैं जो आपको थिएटर में मनोरंजित करने वाले हैं।

क्या नहीं है खास

कई सीन आपको ऐसा लगेगा कि पहले से समझ में आ रहे हैं। पहले से आपको पूरी कहानी समझ में आने लगेगी। जो आपको थोड़ा निराश भी कर सकती है।

अभिनय

इस फिल्म में बाल कलाकार ओम कनोजिया ने बहुत ही शानदार एक्टिंग की है, हर एक डायलॉग्स और एक्सप्रेशन्स को पर्दे पर उन्होंने बहुत ही शानदार तरीके से पेश किया है। हीं, मां का किरदार निभा रहीं अंजलि पाटिल की एक्टिंग भी बेहतरीन है। हर एक किरदार ने अपनी एक्टिंग और रोल के साथ पूरा न्याय किया है।

Web Title: Mere Pyare Prime Minister review: Lost in execution

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