Birthday Special: क्यों हर फिल्म में बायां हाथ छुपाए रखती थीं मीना कुमारी ?
By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: August 1, 2019 08:29 AM2019-08-01T08:29:14+5:302019-08-01T08:30:00+5:30
मीना कुमारी एक ऐसी अदाकारा जो परदेपर अपनी गहरी आँखों से ही पूरी एक्टिंग कर लेती थी. स्क्रीन पर जो गम की तस्वीर वो बना देती थीं वो किसी और के बस की बात नहीं थी
आगाज़ तॊ होता है अंजाम नहीं होता
जब मेरी कहानी में वॊ नाम नहीं होताजब ज़ुल्फ़ की कालिख़ में घुल जाए कोई राही
बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं हॊताहँस- हँस के जवां दिल के हम क्यों न चुनें टुकडे़
हर शख्स़ की किस्मत में ईनाम नहीं होताबहते हुए आँसू ने आँखॊं से कहा थम कर
जो मय से पिघल जाए वॊ जाम नहीं होतादिन डूबे हैं या डूबे बारात लिये कश्ती
साहिल पे मगर कोई कोहराम नहीं होता कुछ ऐसी ही ज़िन्दगी थी ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी की. मीना कुमारी एक ऐसी अदाकारा थीं,जो पर्दे पर अपनी गहरी आँखों से ही पूरी एक्टिंग कर लेती थी. स्क्रीन पर जो गम की तस्वीर वो बना देती थीं वो किसी और के बस की बात नहीं थी.
करीब 3 दशक के अपने लम्बे करियर में मीना कुमारी 90 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. लेकिन ‘साहब बीबी और ग़ुलाम’, ‘मझली दीदी’, ‘दिल अपना और प्रीत पराई’, आरती, परिणीता ‘पाकीज़ा’ (1972) उनकी सबसे यादगार फिल्मो में से एक है. फिल्म ‘बैजू बावरा’ ने मीना कुमारी को अलग पहचान दिलाई. इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था. कई हिट फिल्में देने वाली मीना कुमारी उस वक़्त बॉलीवुड के आसमां का वो सितारा थीं, जिसे छूने के लिए हर कोई बेताब था.
बताया जाता है कई बड़े बड़े स्टार्स मीना कुमारी के सामने आने से कतराते थे. हर कोई उनकी अदा का कायल था. उस वक़्त की मशहूर एक्ट्रेस मधुबाला का ये मानना था की मीना कुमारी जैसी आवाज़ किसी और एक्ट्रेस की हो ही नहीं सकती. फिल्ममेकर सत्यजित रे भी मीना कुमारी को अव्वल दर्जे की एक्ट्रेस मानते थे. he man कहे जाने वाले धर्मेन्द्र को भी एक्टिंग करना मीना कुमारी ने सिखाया था और तो और पाकीज़ा में उनके को स्टार राजकुमार साहब मीना कुमारी का चेहरा देख डायलॉग भूल जाते थे.
कुछ यूं करिश्मा था महजबीं बानो का. मीना कुमारी का असली नाम महजबीं बानो था. लेकिन उम्र भर मुश्किलों ने मीना कुमारी का दामन नहीं छोड़ा. शायद इसीलिए उन्हें ट्रेजेडी क्वीन भी कहा जाता है. आज मीना कुमारी की ज़िन्दगी से जुड़ा एक ऐसा किस्सा में आपको बताने जा रही हूँ जिसको सुनकर आप हैरान रह जाएंगेये बात है साल 1951 की जब मीना कुमारी महाबलेश्वर अपनी फॅमिली के साथ छुटियो से लौट रही थी. रास्ते में उनकी गाडी का ज़बरदस्त एक्सीडेंट हुआ. उस हादसे में मीना कुमारी का बाया हाथ बुरी तरह से ज़ख़्मी हो गया था.
डॉक्टर्स चिंतित थे की कही मीना कुमारी का हाथ ना काटना पड़े लेकिन हाथ बच गया पर उनकी 2 ungliya डैमेज हो गई थी.मीना कुमारी के करीबी बताते है की वो हमेशा अपना हाथ कैमरे से छिपाये रखती थीं. जब भी कोई सीन शूट कर्ट थी तब अक्सर अपने दुपट्टे या साड़ी के पल्लू से अपना हाथ छिपाती थीं ताकि कैमरे उनकी वो kati हुई उंगलिया ना दिखे. ने पूरे करियर में उन्होंने किसी फिल्म में दर्शकों को पता नहीं लगने दिया कि उनकी दो डैमेज थी. वो इतनी खूबसूरती और संजीदा तरीके से परदे के आगे अभिनय करती थी की आजतक किसी को किसी को उनके इस राज़ का पता ना चला.