जिस हिंदुस्तान में दाऊद नाम रखने से डरते हैं वहीं समीर की माताजी..., अभिनेता ने NCB अधिकारी पर साधा निशाना
By अनिल शर्मा | Published: October 28, 2021 02:03 PM2021-10-28T14:03:50+5:302021-10-28T14:54:45+5:30
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बुधवार समीर वानखेड़े की शबाना कुरैशी से निकाह की तस्वीरें और निकाहनाम साझा किया और दावा किया कि समीर वानखेड़े मुसलमान हैं और दलित बनकर सरकारी नौकरी प्राप्त की।
मुंबईः एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े इन दिनों जहां ड्रग्स मामले में आर्यन खान को गिरफ्तार करने को लेकर सुर्खियों में हैं, वहीं उनके मुसलमान होने और नाम से दाऊद छिपाने की वजह भी खबरों में बने हुए हैं। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बुधवार समीर वानखेड़े की शबाना कुरैशी से निकाह की तस्वीरें और निकाहनाम साझा किया और दावा किया कि समीर वानखेड़े मुसलमान हैं और दलित बनकर सरकारी नौकरी प्राप्त की।
इसी बीच अभिनेता कमाल राशिद खान यानी केआरके ने समीर वानखेड़े पर निशाना साधते हुए कहा कि शादी के लिए समीर दाऊद वानखेड़े! नौकरी के लिए समीर वानखेड़े! बहुत बढ़िया। केआरके ने कहा कि जिस हिंदुस्तान में लोग अपने बच्चों का दाऊद नाम रखने से डरते हैं, वहीं समीर वानखेड़े की माताजी उनके पिताजी को प्यार से दाऊद बुलाती थीं।
केआरके ने ट्वीट किया- जिस हिंदुस्तान में कोई भी अपने बच्चे का नाम दाऊद रखने से डरता है, वहीं पर समीर की माता जी, प्यार से पिता जी को दाऊद बोलती थी! इसलिए बेटे ने भी शादी करने के लिए नाम में दाऊद जोड़ लिया था! शादी के लिए- समीर दाऊद वानखेड़े! नौकरी के लिए - समीर वानखेड़े! बहुत बढ़िया!
जिस हिंदुस्तान में कोई भी अपने बच्चे का नाम दाऊद रखने से डरता है, वहीं पर समीर की माता जी, प्यार से पिता जी को दाऊद बोलती थी! इसलिए बेटे ने भी शादी करने के लिए नाम में दाऊद जोड़ लिया था!
— KRK (@kamaalrkhan) October 28, 2021
शादी के लिए- समीर दाऊद वानखेड़े!
नौकरी के लिए - समीर वानखेड़े!
बहुत बढ़िया!🙏😁
बता दें नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े की पहली शादी का खुलासा करते हुए कहा कि समीर ने साल 2006 में शबाना कुरैशी से निकाह किया था। उन्होंने निकाह नामे की तस्वीर भी साझा की थी जिसमें समीर का पूरा नाम समीर दाऊद वानखेड़े लिखा हुआ था।
उधर, समीर वानखेड़े को निकाह पढ़वाने वाले मौलवी काजी मुजम्मिल अहमद ने कहा कि ये निकाह नामा सही है और मेरे दस्तखत भी सही है। मैंने ही निकाह पढ़वाया था। और उस वक्त समीर, शबाना, इनके पिता और पूरा खानदान सब मुसलमान थे।
नवाब मलिक द्वारा समीर के मुसलमान होने के दावे पर मुहर लगाते हुए काजी ने आगे कहा कि अगर ये जाहिर होता कि समीर हिंदू हैं तो हमारी शरीयत में ये निकाह ही नहीं होता। और काजी शरीयत के खिलाफ निकाह नहीं पढ़ाता। मामला जब तय हो जाता है तो काजी 15 मिनट में निकाह पढ़ाकर चला आता है। पूरे इस्लामी तौर-तरीके से शादी हुई और वहां गवाह, वकील और मौजूद सभी मुसलमान थे।