लंबी रेस के घोड़ा हैं कार्तिक आर्यन, जानिए अब तक की फिल्मों का सफर
By अजय ब्रह्मात्मज | Published: December 25, 2018 09:37 AM2018-12-25T09:37:07+5:302018-12-25T09:37:21+5:30
इस महीने के हर मंगलवार को 2018 के ऐसे अचीवर्स को यह कॉलम समर्पित है, जो हिंदी फिल्मों में बाहर से आए और जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर पहचान हासिल की. इस साल आई उनकी फिल्मों ने भी उन्हें खास मुकाम दिया. दस महीने पहले 23 फरवरी को 'सोनू के टीटू की स्वीटी' रिलीज हुई थी. लव रंजन की इस फिल्म के शीर्षक से ही प्रॉब्लम थी. कुछ को यह टंग ट्विस्टर लग रहा था तो अधिकतर का यही कहना था कि यह भी कोई नाम हुआ?
फिल्म रिलीज हुई और सभी को पसंद आई. इस तरह के विषय की फिल्मों पर रीझ रहे दर्शक टूट पड़े तो इससे खीझ रहे समीक्षक इसे दरकिनार नहीं कर सके. समीक्षकों ने फिल्म के विषय की स्वाभाविक आलोचना की, लेकिन उसके मनोरंजक प्रभाव को स्वीकार किया. नतीजा यह हुआ कि यह फिल्म 100 करोड़ के क्लब में पहुंच गई. फिल्म के कलाकारों में सोनू यानी कार्तिक आर्यन को शुद्ध लाभ हुआ.
छह साल से अभिनय की दुनिया में ठोस जमीन तलाश रहे कार्तिक को देखते ही देखते दर्शकों और फिल्म इंडस्ट्री ने कंधे पर बिठा लिया. उन्हें फिल्में मिलीं, एन्डोर्समेंट मिले और कार्तिक ग्लैमर वर्ल्ड के इवेंट में चमकने लगे. 22 नवंबर 1990 को ग्वालियर के डॉक्टर दंपति के घर में जन्मे कार्तिक मुंबई आए तो थे इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने, लेकिन मन के कोने में सपना फिल्मों में एक्टिंग का था. पढ़ाई के दौरान सपनों को पंख लगे और कार्तिक ने अभिनय के आकाश की तलाश जारी रखी.
नए कलाकार फिल्म इंडस्ट्री के तौर-तरीकों से नावाकिफ होते हैं. सही हिम्मत और पूरा जज्बा न हो तो सपनों को चकनाचूर करने वाले रोड़े रास्तों में पड़े मिलते हैं. कार्तिक ने खुद ही राह बनाई. दिक्कत का एहसास हुआ तो तैयारी की और प्रयास करते रहे. आखिरकार 2011 में उन्हें लव रंजन की 'प्यार का पंचनामा' मिली. इस फिल्म में रजत का किरदार दर्शकों के ध्यान में आया. वह उन्हें याद रहा. पहली फिल्म के नए एक्टर के लिए इतना बहुत होता है.
इस फिल्म में उनके लंबे डायलॉग और उसकी अदायगी ने सभी को प्रभावित किया. कार्तिक के साथ ऐसा चल रहा है. उनकी फिल्में अपने विषय की वजह से आलोचित होती हैं, लेकिन उनका किरदार प्रशंसित होता है. कार्तिक की नई फिल्में इस विरोधाभास को कम करें तो उनकी लोकप्रियता और स्वीकृति तेजी से बढ़ेगी. पहली फिल्म की सफलता और चर्चा के बावजूद दूसरी फिल्म 'आकाशवाणी' को दर्शकों ने पसंद नहीं किया. अगले साल आई सुभाष घई की 'कांची' कब रिलीज होकर चली गई? किसी को पता ही नहीं चला.
इन दोनों फिल्मों की असफलता से कार्तिक के करियर में विराम आया. निराशा नजदीक पहुंची. इस छोटे अंतराल में बेचैन होने के बावजूद कार्तिक ने बेसब्री में गलत फिल्में नहीं चुनीं. वक्त गुजरता रहा और कार्तिक सही फिल्म के इंतजार में रहे. फिर से लव रंजन आए और उन्होंने 'प्यार का पंचनामा 2' में कार्तिक आर्यन को अंशुल का किरदार दिया. इस फिल्म में फिर से उनके एकल संवाद की तारीफ हुई. बतौर एक्टर भी उनमें आत्मविश्वास और परफॉरमेंस की रवानी दिखी.
बीच में आई 'गेस्ट इन लंदन' हलकी रही, लेकिन 'सोनू के टीटू की स्वीटी' ने परिदृश्य ही बदल दिया. पिछले 10 महीनों में कार्तिक लगातार चौंका रहे हैं. वे सुर्खियों में बने हुए हैं. उनकी फिल्मों की घोषनाएं हो रही हैं. सही या गलत यह खबर भी फैल रही कि उन्होंने कौन सी फिल्म छोड़ दी. करीना कपूर के साथ रैंप वॉक से तो वह चर्चा में आए. उस इवेंट की तस्वीरों में कार्तिक का कॉन्फिडेंस देखते ही बनता है.
यूं लगता है कि कार्तिक लगातार खुद को मंज रहे हैं और अभी से बड़ी चमक और खनक के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं. कार्तिक की एक अघोषित खूबी है. ग्वालियर की पृष्ठभूमि और परिवार से उन्हें हिंदी मिली है. हिंदी के उच्चारण और अदायगी में अपने समकालीनों से वह बहुत आगे हैं. उनके एकल संवाद प्रमाण हैं कि हिंदी पर उनकी जबरदस्त पकड़ है. कार्तिक की अगली फिल्म 'लुका छुपी' की शूटिंग पूरी हो चुकी है. इसमें वह कार्तिक आर्यन के साथ हैं. 'किंक पार्टी' में वह जैकलीन फर्नांडीस के साथ नजर आएंगे. इम्तियाज अली की 'लव आजकल 2' में सारा अली खान के साथ उनकी जोड़ी बनेगी. 2018 ने कार्तिक के सपनों को ऊंची उड़ान दी है.