9 साल की इंडियन स्केटबोर्डर पर बनी फिल्म हुई ऑस्कर 2020 के लिए सेलेक्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 13, 2019 08:05 AM2019-05-13T08:05:26+5:302019-05-13T08:05:26+5:30
मात्र 9 साल की उम्र में स्केटबोर्ड पर कमाल दिखाकर सुर्खियों में छाईं तमिलनाडु की कमली मूर्ति का कमाल सात समुंदर पार भी देखने को मिलने वाला है
मात्र 9 साल की उम्र में स्केटबोर्ड पर कमाल दिखाकर सुर्खियों में छाईं तमिलनाडु की कमली मूर्ति का कमाल सात समुंदर पार भी देखने को मिलने वाला है. इस बच्ची पर बनी एक शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री को अगले साल होने वाले प्रतिष्ठित ऑस्कर पुरस्कारों के लिए सिलेक्ट किया गया है. इस डॉक्यूमेंट्री में कमली और उसकी मां सुगंती की कहानी है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक मां ने अपने बच्चों को स्थानीय परंपरा और पितृसत्ता के प्रतिबंध से मुक्त करने के लिए संघर्ष किया है.
इस फिल्म की बात करते हुए कमली की मेंटर आईने एडवर्ड्स ने कहा, ''जब सुगंती (कमली की मां) अपने बच्चों को देखती, तो वह अपने बचपन को याद करती कि कैसे वह सामाजिक दबाव की वजह से उन कामों को नहीं कर पाईं जिन्हें वह करना चाहती थीं. आज वह चाहती हैं कि कमली उस आजादी का स्वाद ले जो उसके नसीब में नहीं थी.'' 24 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री को निर्माता साशा रेनबो ने निर्देशित किया है. इससे पहले इस फिल्म ने अटलांटा फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का अवॉर्ड जीता था.
इस स्क्रीनिंग के बाद ही 'कमली' को 2020 के अकादमी पुरस्कार (ऑस्कर) के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया. आईने ने बताया कि क्रू ने फिल्म को 6 हफ्ते में शूट किया. एडिट करने के बाद इस फिल्म को दिसंबर 2018 में मुंबई इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में भी भेजा गया, जहां इसे बेस्ट डायरेक्टर अवॉर्ड मिला.
कमली, तमिलनाडु के एक छोटे से मछली पकड़ने वाले शहर, महाबलिपुरम की एकमात्र लड़की स्केटबोर्डर है. कमली के वायरल वीडियो ने उसे ख्याति दिलाई है. उसने पेशेवर स्केटबोर्डिंग टीमों के साथ खेल को बढ़ावा देने के लिए पूरे भारत का दौरा किया है. वह समुद्र तट पर सर्फिंग का आनंद भी लेती है और बड़े होने पर एक पेशेवर बनने का सपना देखती है.