लॉकडाउन में लोगों को घरों में रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं रहमान बंधु, गानों और कविता से दे रहे हैं बड़ी सीख
By भाषा | Updated: April 16, 2020 21:24 IST2020-04-16T21:24:23+5:302020-04-16T21:24:23+5:30
देश भर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है। हसीब ने सूफी गाने चुने हैं तो इम्तियाज अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कविता का पाठ कर रहे हैं।

(फोटो सोर्स- ट्विटर)
जम्मू कश्मीर के भद्रवाह में एक वरिष्ठ पुलिस अफसर और उनके शायर भाई सोशल मीडिया पर गाने गा कर और कविता पाठ कर लोगों से लॉकडाउन का पालन करने का आग्रह कर रहे हैं। रामबन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हसीब-उर-रहमान और उनके बड़े भाई शायर एवं भद्रवाह की सरफन कॉलोनी में सामाजिक कार्यकर्ता इम्तियाज-उर-रहमान तान्हा सोशल मीडिया पर गानों और कविता के जरिए लोगों को घरों से नहीं निकलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वे सोशल मीडिया पर अपने इस अनूठे तरीके से खासे मशहूर भी हो गए हैं।
देश भर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है। हसीब ने सूफी गाने चुने हैं तो इम्तियाज अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कविता का पाठ कर रहे हैं। रामबन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हसीब ने बताया कि आम आदमी कोरोना वायरस से नहीं डरता है लेकिन लंबा लॉकडाउन और सामाजिक दूरी बनाना, जो इस जानलेवा वायरस से निपटने के लिए जरूरी है, उससे लोगों को ऊब हो रही है। युवा पीढ़ी को बेसब्री होने लगी है। उन्होंने कहा, " बचपन से ही मुझे गाना गाने का शौक है।
मौजूदा परिदृश्य में, मैंने अपने शौक के जरिए एक कोशिश करने का फैसला किया और आश्चर्यजनक रूप से यह बहुत प्रभावी साबित हुई। युवाओं से मुझे जो प्रतिक्रिया मिल रही है, वह मेरी उम्मीदों से परे है। " इम्तियाज ने कहा, " कोरोना वायरस महामारी के दौरान मुझे जो भी महसूस हुआ, वह मैंने कमलबद्ध करने की कोशिश की। मेरी कविता लोगों को पसंद आई। यह संतोषजनक अनुभव है।" वहीं रियासी जिले में सहायक पुलिस निरीक्षक राम प्रकाश उड़न दस्ते की अगुवाई करने के दौरान, अक्सर गानों के जरिए लोगों का मनोरंजन करते हैं और उन्हें कोरोना वायरस के प्रति जागरुक करते हैं।