Rekha Birthday: रेखा के दुपट्टे से फांसी लगाकर पति ने दी थी जान, हनीमून पर ही अभिनेत्री को लग गई थी ये भनक
By जनार्दन पाण्डेय | Published: October 8, 2018 07:55 AM2018-10-08T07:55:48+5:302018-10-08T08:52:22+5:30
Happy Birthday Rekha (रेखा जन्मदिन | रेखा बर्थडे): उन दिनों रेखा की 'नागमणि' फिल्म रिलीज हुई थी, उसके पोस्टर पर गोबर और रेखा के चेहरे वाले हिस्से पर कालिख पोतकर आम लोगों ने विरोध किया।
बॉलीवुड अभिनेत्री रेखा किसके नाम के सिंदूर से अपनी मांग भरती हैं? इसका जवाब आज भी किसी के पास नहीं है। कई तरह अटकलों में कई तरह की बातें होती हैं। अब जब 10 अक्टूबर (मंगलवार) को रेखा अपना 64वां जन्मदिन मनाने जा रही हैं, तो फिर से उनकी जिंदगी से जुड़ी कई कहानियां यहां वहां तैर रही हैं। एक ऐसी कहानी रेखा की शादी की है, जब उन्होंने दिल्ली के एक बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल से शादी की थी।
रेखा ने उन्हें देखा और झट से वापस कार में बैठ गईं। मुकेश कार की ओर बढ़े तो कार चलने लगी। वो हल्की बरसात वाली शाम थी। लेकिन मुकेश के गाल आंसू से भीगे हुए थे। वे आंसू बहाते कार के पीछे दौड़ते रहे, रेखा-रेखा कहकर पुकारते रहे। लेकिन रेखा ने एक बार पलट के भी नहीं देखा।
अभिनेत्री दीप्ति नवल ने मुकेश अग्रवाल की भाभी (मिठो भाभीजी, मुकेश अग्रवाल के बड़े भाई अनिल गुप्ता की पत्नी) के हवाले से इस घटना का जिक्र स्टारडस्ट के निशी प्रेम को दिए साक्षात्कार में किया था। इस घटना के करीब तीन महीने बाद दिल्ली के फॉर्महाउस बसेरा में मुकेश अग्रवाल रेखा के दुपट्टे से फंदे में पंखे से झूल गए थे।
मुकेश की मां ने इसके बाद एक बयान दिया, 'वो डायन मेरे बेटे को खा गई। भगवान उसे कभी माफ नहीं करेगा।' और तत्कालीन मीडिया में शीर्षक छापे गए- The Black Widow (शोटाइम, नवंबर 1990), The Macabare Truth Behind Mukesh's Suicide (सिने ब्लिट्ज, नवंबर 1990)। उन दिनों रेखा की 'नागमणि' फिल्म रिलीज हुई थी, उसके पोस्टर पर गोबर और रेखा के चेहरे वाले हिस्से पर कालिख पोतकर आम लोगों ने विरोध किया। स्टारडस्ट में निशी प्रेम को दिए एक साक्षात्कार में शोमैन सुभाष घई ने कहा, 'अब उनके साथ कोई निर्देशक कैसे काम करेगा पता नहीं।'
ये सब लोग इतने अधिकारपूर्वक नवंबर 1990 में रेखा का विरोध इसलिए कर रहे थे क्योंकि 4 मार्च 1990 को ही रेखा ने मुकेश अग्रवाल से शादी की थी। शादी अगले दिन के बारे में दीप्ति नवल ने फिल्मफेयर मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहती हैं, 'रेखा ने मुझे फोन कर के कहा कि अंदाजा लगाओ! अरे मैं तुम्हारी भाभी बन गई हूं। मैं अब रेखा अग्रवाल हूं। मुकेश तुम्हारे भाई जैसे हैं ना।'
यही वे कुछ इंटरव्यूज और घटनाएं थीं, जिनके बाद से खुलकर बोलने वाली, डंके की चोट पर बोलने वाली, बिना किसी गुरेज ये कहने वाली कि 'अपने पतियों को ठीक कीजिए, मुझे नहीं', वही रेखा ने चुप्पी साध ली। उन्होंने निजी जिंदगी पर बात करना बंद कर दिया। साल 2016 में युवा पत्रकार यासिर उस्मान ने जब रेखा पर किताब लिखी तो रेखा के एक इंटरव्यू के लिए एड़ी-चोटी का दम लगा दिया। लेकिन रेखा ने उनसे एक शब्द बात नहीं की।
जबर्दस्त तनाव में रहते थे मुकेश अग्रवाल, पहले भी कर चुके थे आत्महत्या की कोशिश
फिल्मफेयर मैगजीन 1990 की एक रिपोर्ट के मुताबिक रेखा ने अपनी मशहूर फैशन डिजाइनर व सोशलिस्ट दोस्त बीना रमानी से शादी कर के घर बसा लेने के बारे में जिक्र करती थीं। इसी बाबत बीना ने उन्हें दिल्ली के बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल से मिलाया। मुकेश इस कल्पना से ही लट्टू हो गए कि रेखा की उनसे बात होगी। मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक रेखा की दिल्ली की दोस्त बीना व एक अन्य दोस्त सुरिंदर कौर ने उनसे कहा, 'मुकेश कमाल का आदमी है, तुम्हें उसे जाने नहीं देना चाहिए'।
नतीजतन रेखा दिल्ली आकर मुकेश और उनके परिवार से मिलीं। इस मुलाकात के बारे में फिल्मफेयर के 1990 के प्रकाशित साक्षात्कार I didn't kill Mukesh में रउफ अहमद रेखा के हवाले लिखते हैं, 'मुझे वे लोग बहुत पसंद आए। वे बहुत साधारण लोग थे। मिठो भाभीजी ने मुझे पूरी तरह जीत लिया। जबकि मुकेश की भाभी के हवाले से रेखा के बारे में लिखा, 'मेरे घर हूर आई है'।
फिल्मफेयर के दिसंबर 1990 के अंक में प्रकाशित Her Story में इसका उल्लेख मिलता है कि इसी मुलाकात के बाद रेखा ने मुकेश से शादी के लिए सुरिंदर को फोन कर हां कह दी थी। इसके बाद 4 मार्च 1990 को दोनों शादी के बंधन में बंध गए। चौबीस घंटे के भीतर दोनों हनीमून के लिए लंदन चले गए। लौटकर दोनों ने कई समारोह किए। दिल्ली में बसेरा नाम के फार्महाउस में दोनों की जिंदगी आगे बढ़ने लगी।
लेकिन रेखा तब यह जानना जरूरी नहीं समझा कि मुकेश लंबे समय से तनावग्रस्त चल रहे हैं। उनकी पिछली शादी नाकाम रही थी। बिजनेस में भी उनकी अच्छी हालत नहीं चल रही थी। एक बार उन्होंने नींद की गोलियां लेकर आत्महत्या की कोशिश भी की थी। हनीमून के दौरान भी रेखा ने उन्हें गोली खाते देखा था।
रेखा को राजीव गांधी से मिलाने क्यों लगे थे बिजनेसमैन पति मुकेश अग्रवाल?
शादी के कुछ महीनों बाद ही रेखा को मुकेश की पिछली जिदंगी का असर दिखने लगा। फिल्मफेयर के इस अंक में इस बारे में विस्तार से प्रकाशित हुआ कि कैसे मुकेश, रेखा को अपने बिजनेस में इस्तेमाल करने के दृष्टि से आगे बढ़ने लगे। उन्होंने एक दिन राजीव गांधी के फॉर्महाउस की तरफ यूं ही गाड़ी मोड़ दी और वहां जाकर राजीव के सामने यह जताने लगे कि मेरी पत्नी से मिलिए।
मुकेश के मुताबिक उन्हें उस वक्त बिजनेस के लिए सभी लोगों की हेल्प चाहिए। मुकेश बॉलीवुड की पार्टियों में जाते और बताते कि रेखा उनकी पत्नी हैं। नतीजतन 10 सितंबर 1990 को मुकेश ने रेखा के उस प्रस्ताव पर हामी भरने के लिए फोन किया, जिसमें रेखा ने उनसे तलाक मांगा था।