दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित मशहूर फिल्म डायरेक्टर मृणाल सेन का 95 साल की उम्र में निधन
By रामदीप मिश्रा | Updated: December 30, 2018 13:57 IST2018-12-30T13:28:25+5:302018-12-30T13:57:52+5:30
Filmmaker Mrinal Sen death: भारतीय फिल्मों के मशहूर निर्माता व निर्देशक मृणाल सेन का रविवार (30 दिसंबर) को निधन हो गया है। उनकी उम्र 95 साल की थी। बताया गया है कि सेन का निधन उनके निवास पर ही हुई है।

दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित मशहूर फिल्म डायरेक्टर मृणाल सेन का 95 साल की उम्र में निधन
भारतीय फिल्मों के मशहूर निर्माता व निर्देशक मृणाल सेन का रविवार (30 दिसंबर) को निधन हो गया है। उनकी उम्र 95 साल की थी। बताया गया है कि सेन का निधन उनके निवास पर ही हुई है। निधन के बाद फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें, मृणाल सेन का जन्म 14 मई, 1923 में फरीदपुर नामक शहर (जो अब बंगला देश में है) में हुआ था।
बताया जाता है कि मृणाल सेन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद फरीदपुर को अलविदा कह दिया था। इसके उन्होंने कोलकाता में पढ़ाई की। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। वह भौतिक शास्त्र के विद्यार्थी थे।
उन्होंने 1955 में हली फीचर फिल्म 'रातभोर' बनाई थी। उनकी अगली फिल्म 'नील आकाशेर नीचे' ने उनको स्थानीय पहचान दी और उनकी तीसरी फिल्म 'बाइशे श्रावण' ने उनको अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि दिलाई।
इसके अलावा उन्होंने पुनश्च, अवशेष, प्रतिनिधि, अकाश कुसुम, मतीरा मनीषा, भुवन शोम, इच्छा पुराण, इंटरव्यू, एक अधूरी कहानी, कलकत्ता 1971, बड़ारिक, कोरस, मृगया, ओका उरी कथा, परसुराम जैसी तमाम फिल्मों को बनाया। हालांकि उनकी अधिकतर फिल्में बांग्ला भाषा में हैं।
मृणाल सेन के काम को ऐसे भी देखा जा सकता है कि उन्हें कई अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें भारत सरकार ने 1981 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण, साल 2005 में पद्म विभूषण एवं दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। भारत सरकार के अलावा उन्हें फ्रांस सरकार व रशियन सरकार ने भी सम्मानित किया था। उनको फ्रांस सरकार ने कमान्डर ऑफ द ऑर्ट ऑफ ऑर्ट एंडलेटर्स उपाधि से नवाजा, जबकि रशियन सरकार ने ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप से सम्मानित किया था।