ओशो पर इटली के फिल्ममेकर ने बनाई है नई डॉक्यूमेंट्री, पुणे फिल्म फेस्टिवल में कल होगी स्क्रीनिंग

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 3, 2023 07:25 PM2023-02-03T19:25:38+5:302023-02-03T22:10:24+5:30

Documentary on Osho and Osho movement to be screened at Pune Film Festival | ओशो पर इटली के फिल्ममेकर ने बनाई है नई डॉक्यूमेंट्री, पुणे फिल्म फेस्टिवल में कल होगी स्क्रीनिंग

ओशो पर इटली के फिल्ममेकर ने बनाई है नई डॉक्यूमेंट्री, पुणे फिल्म फेस्टिवल में कल होगी स्क्रीनिंग

इटली के फिल्ममेकर लक्षेण सुकामेली की ओशो पर बायो डॉक्यूमेंट्री 'OSHO THE MOVIE,एन इन्साइडर डॉक्यूमेंट्री ऑन द वर्ल्ड मोस्ट कंट्रोवर्सियल मिस्टिक' की स्क्रीनिंग शनिवार को पुणे में की जाएगी. यह फिल्म पुणे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा है और इसे PVR पैवेलियन मॉल में दिखाया जाएगा। एक घंटे चालीस मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री के ट्रेलर में ओशो रजनीश की जिंदगी और ओशो आंदोलन का जिक्र नजर आता है. इस डॉक्यूमेंट्री में उन घटनाओं का चित्रण किया गया है जो अब तक ओशो पर बनी फिल्म या डॉक्यूमेंट्री में नहीं है.

फिल्म के डायरेक्टर लक्षेण सुकामेली का कहना है कि वाइल्ड वाइल्ड कंट्री में जो बातें दिखाई गई हैं उसके वाइड एंगल को इसमें कवर किया गया है. इसमें यह बताने की कोशिश की गई है कि कैसे उस वक्त अमेरिका और दुनिया के कई देशों से लोग अपना सब कुछ दांव पर लगाकर रजनीशपुरम को बनाने में जुटे थे.  डॉक्यूमेंट्री में अमेरिका के ओकलाहोमा जेल में ओशो को गैरकानूनी तरीके से रखे जाने को भी बताया गया है.

‘Ten Thousand Shades of Osho’ डॉक्यू सीरीज लक्षेण सुकामेली ने ओशो की जिंदगी पर पांच एपिसोड का एक डॉक्यूसीरीज भी बनाया है जिसमें भारत में उनके जन्म और पढ़ाई और फिर आचार्य बनने और वहां से अमेरिका जाने के सफर को दिखाया गया है.

इसमें में लक्षेण अमेरिका के ओरिजन में बने रजनीशपुरम और उससे जुड़े कई लोगों के जरिए बड़ी पिक्चर खींचने की कोशिश करते नजर आते है. 

कौन हैं लक्षेण सुकामेली?

लक्षेण इटली के नागरिक हैं और उनका मूल नाम सुकामेली है. लक्षेण नाम ओशो ने सुकामेली को दिया था. सुकामेली का जन्म रिमिनी, इटली में 1956 में हुआ था और ओशो से मिलने के लिए 1978 में भारत की यात्रा की थी. ओशो को तब  दुनिया के सबसे विवादास्पद आध्यात्मिक शख्सियतों में से एक माना जाता था. वह ओशो के साथ उनके पुणे (भारत),  और ऑर्गेन (यूएस) स्थित आश्रम में रहे.  

लक्षेण सुकामेली ने ओशो के साथ अपने लंबे जुड़ाव को संक्षेप में प्रस्तुत किया है. "पहली बार मैं ओशो से 1978 में मिला था. तब से, मेरे जीवन में दो उद्देश्य रहे हैं - खुद को जानना और उनकी दृष्टि को साझा करना. जब मैंने एक फिल्म निर्माता के रूप में काम करना शुरू किया, तो मुझे पता था कि एक दिन, मैं उनके बारे में एक फिल्म बनाऊंगा”. 

ओशो सन्यासी का ओशो पर फिल्म पूर्वाग्रह और प्रोपैगेंडा का हिस्सा –  लक्षेण सुकामेली इसका जवाब देते हुए कहते हैं कि फिल्म ओशो और उनसे समर्थकों और ओशो के आंदोलन को सही रोशनी में समझने के लिए बनाई गई है. इसमें उन सभी पहलुओं को शामिल किया गया है जिनको लेकर विवाद रहा है.

Web Title: Documentary on Osho and Osho movement to be screened at Pune Film Festival

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