कंगना और बीएससी मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट में फैसला रखा सुरक्षित, सभी पक्षों ने सौंपा लिखित जवाब
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: October 5, 2020 04:22 PM2020-10-05T16:22:07+5:302020-10-05T16:22:46+5:30
कंगना रनौत के दफ्तर में हुई तोड़फोड़ मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बीएमसी ने फटकार लगने के बाद कोर्ट में अपनी तरफ से लिखित जवाब भी सौंप दिया है।
बॉलिुवड ऐक्ट्रेस कंगना रनौत के दफ्तर में हुई तोड़फोड़ मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सोमवार को कोर्ट में मामले में सभी पक्षों ने अपनी-अपनी ओर से लिखित जवाब सौंप दिया है। कोर्ट में बृहन्मुंबई महानगरपालिका, कंगना रनौत और संजय राउत की ओर से लिखित प्रस्तुतियां दायर की गईं, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अभिनेत्री कंगना रनौत की ओर से मुंबई स्थित उनके बंगले के एक हिस्से को नगर निकाय द्वारा गिराए जाने के खिलाफ दायर याचिका के संबंध में सारी दलीलें सुन लीं और फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ याचिका पर बाद में फैसला सुनाएगी। अभिनेत्री के पाली हिल क्षेत्र में स्थित बंगले के एक हिस्से को अवैध निर्माण बताते हुए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने गिरा दिया था, जिसके बाद रनौत ने नौ सितंबर को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
अभिनेत्री ने अदालत से आग्रह किया है कि वह इमारत के एक हिस्से को गिराए जाने की कार्रवाई को अवैध करार देते हुए बीएमसी को उन्हें क्षति की भरपाई के लिए दो करोड़ रुपये की राशि देने का निर्देश दे। रनौत ने अपने वकील डॉक्टर बीरेंद्र सराफ के जरिए आरोप लगाया है कि बीएमसी ने निर्माण गिराने का निर्णय दुर्भावना से लिया क्योंकि उनकी मुवक्किल ने मुंबई पुलिस के खिलाफ टिप्पणी की थी ।
जिससे शिवसेना नीत महाराष्ट्र सरकार का गुस्सा उन पर भड़क गया। अभिनेत्री ने अपने बयान में शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता संजय राउत के एक साक्षात्कार का हवाला देते हुए कहा है कि उन्हें कथित तौर पर धमकी दी गई।
मामले में कंगना रनौत ने वकील के हवाले से बीएमसी से 2 करोड़ रुपये मुआवजे की भी मांग की है। ऐसे में कोर्ट के फैसले में इसको लेकर भी बात रखी जाएगी।