कंगना की बढ़ी मुश्किलें, कहा था- असली आजादी 2014 में मिली, दर्ज कराई गई शिकायत
By अनिल शर्मा | Published: November 12, 2021 07:44 AM2021-11-12T07:44:19+5:302021-11-12T07:58:09+5:30
कंगना के इस बयान के बाद लोगों ने उनकी जमकर आलोचना की। कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने कहा, आरएसएस इस तथ्य को कभी स्वीकार नहीं कर सका कि उनके ब्रिटिश आकाओं को 1947 में छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था।
मुंबईः आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति मेनन ने कंगना रनौत के खिलाफ उनके बयान- असली आजादी 2014 में मिली को लेकर मुंबई मं शिकायत दर्ज कराई है। मेनन ने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कर बॉलीवुड अभिनेत्री खिलाफ एक कॉन्क्लेव में उनकी देशद्रोही टिप्पणी के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।
गौरतलब है कि टाइम्स नाउ समिट 2021 में कंगना ने कहा था, ‘सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई, नेता सुभाषचंद्र बोस इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा लेकिन ये भी याद रहे कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी का खून न बहाए। उन्होंने आजादी की कीमत चुकाई, यकीनन। पर वो आजादी नहीं थी वो भीख थी। जो आजादी मिली है वो 2014 में मिली है।’
प्रीति मेनन ने ट्वीट में शिकायत की जानकारी देते हुए लिखा- मुंबई पुलिस को एक आवेदन दिया है। कंगना रनौत पर टाइम्स नाउ में उनके देशद्रोही और भड़काऊ बयानों के लिए धारा 504, 505 और 124ए के तहत कार्रवाई का अनुरोध किया है।
Submitted an application to @MumbaiPolice requesting action on Kangana Ranaut for her seditious and inflammatory statements on @TimesNow, under sections 504, 505 and 124A.
— Preeti Sharma Menon (@PreetiSMenon) November 11, 2021
Hope to see some action @CPMumbaiPolice@DGPMaharashtrapic.twitter.com/9WxFXJFnEn
कंगना के इस बयान के बाद लोगों ने उनकी जमकर आलोचना की। कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने कहा, आरएसएस इस तथ्य को कभी स्वीकार नहीं कर सका कि उनके ब्रिटिश आकाओं को 1947 में छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था। उनकी गुलामी की कोई सीमा नहीं थी। कोई आश्चर्य नहीं कि उन्होंने आधी सदी तक तिरंगा नहीं फहराया। 2014 में गुलामी की वापसी उनकी 'आजादी' थी। कंगना रनौत उनमें से सिर्फ एक हैं।