Choked Movie Review:रिश्तों और नोटबंदी का गजब का तालमेल पेश करती है अनुराग कश्यप की फिल्म चोक्ड, पढ़ें रिव्यू
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: June 5, 2020 13:52 IST2020-06-05T12:21:41+5:302020-06-05T13:52:51+5:30
Netflix movie release के साथ अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) एक बार फिर अपनी ताकत का लोहा मनवा रहे हैं। नोटबंदी (Demonetisation) के बैकग्राउंड वाली यह फिल्म अनुराग के उसी पसंदीदा कैनवस पर बनी है जहां वे समाज की हकीकत पर मनचाही टिप्पणी करना चाहते हैं।

Choked Movie Review: अनुराग कश्यप की फिल्म Netflix पर हुई रिलीज (ट्विटर फोटो)
अनुराग कश्यप हमेशा से ही कुछ नया करने के लिए जाने जाते हैं। इस बार अनुराग कश्यप नेटफ्लिक्स (Netflix) पर अपनी नई फिल्म लेकर आए हैं।फिल्म 'चोक्ड (Choked) एक नए रूप को पेश करने वाली फिल्म है। अनुराग की इस फिल्म में पति पत्नी के रिश्तों के साथ नोटबंदी को पेश किया गया है। फिल्म कुछ इस तरह से पेश की गई है कि आप शुरू से अंत तक उठेंगे नहीं। आइए जानते हैं कैसी है फिल्म-
कैसी है फिल्म
'चोक्ड' की कहानी सरिता पिल्लै (सयामी खेर) और सुशांत पिल्लै (रोशन मैथ्यू) की है के ऊपर आधारित है। घर की पूरी जिम्मेदारी सरिता पर है क्योंकि सुशांत कोई काम नहीं करता है। यही कारण है कि सरिता एक बैंक में काम करती है और सारी जिम्मेदारी उठाती है। सुशांत के ऊपर कुछ कर्ज भी होता है। दोनों आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। सरिता और सुशांत के बीच कुछ ठीक नहीं रहता है।
दोनों के बीच करिय़र को लेकर कुछ ऐसा होता है कि दोनों के बीच कुछ भी सामान्य नहीं रह पाता है। दोनों एक छोटे से घर में रहते हैं। लेकिन फिर एक दिन सरिता और सुशांत के घर की नाली जाम होती है और उसमें से निकलने लगते हैं नोटों के बंडल। सरिता इन पैसों का सही से उपलोग कर पाती इससे पहले नोटबंदी लागू हो जाती है और सरिता के बैंक में होने की वजह से उनके पड़ोसी उसका फायदा भी उठाना चाहते हैं। बस इस तरह से जहां सरिता को अच्छे-खासे पैसे मिलने लगते हैं तो वहीं कई तरह की परेशानियां भी आ जाती हैं।
कैसा प्रभाव डालती है फिल्म
'चोक्ड (Choked)' में सयामी खेर और रोशन मैथ्यू ने बहुत ही शानदार एक्टिंग पेश की है। सयामी खेर (Saiyami Kher) का सरिता का किरदार बहुत ही सशक्त है और उन्होंने उसी मजबूती के साथ निभाया भी है। रोशन और सरिता पूरी फिल्म को बांधे रखने का काम कर रहे हैं।फिल्म का डायरेक्शन भी कमाल का है, और अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने इस कहानी को इस तरह के गढ़ा और पेश किया है जिसे बीच में छोड़ना कतई बनता ही नहीं है।