बर्थडे स्पेशल: नहीं मिलता रोहित शेट्टी का साथ तो आज किसी ढाबे पर ऑमलेट बेच रहे होते गोलमाल फेम संजय मिश्रा
By मेघना वर्मा | Published: October 6, 2018 07:30 AM2018-10-06T07:30:29+5:302018-10-06T07:30:29+5:30
2001 में सोनी सब पर आए ऑफिस-ऑफिस शो के शुक्ला कैरेक्टर को कौन भूल सकता है। ऑफिस में बैठकर पान खाने वाले शुक्ला ने अपनी एक्टिंग से सबको अपना दीवाना बना लिया था।
गोलमाल के बबली भाई या मसान फिल्म में रिचा चड्डा के पिता, जी हां किरदार तो बहुत से हैं मगर बुहत कम लोग ही शायद उनका नाम जाते हों। हम बात कर रहे हैं संजय मिश्रा की। अपने छोटे-छोटे रोल से संजय मिश्रा फिल्मों में जान डाल देते हैं। 25 साल से फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े संजय मिश्रा ने बॉलीवुड को कई ऐसे किरदार दिए हैं जिन्हें भूल पाना जरा मुश्किल है। आज संजय मिश्रा के 55 वें जन्मदिन पर हम बात करेंगे उनके ऐसे ही 8 किरदार की जिन्हें भूल पाना मुश्किल है।
8 साल तक नहीं मिला कोई बड़ा ब्रेक
1963 में जन्में संजय मिश्रा ने ना सिर्फ बड़े पर्दे पर काम किया है बल्कि टीवी सीरियल्स और कमर्शियल से भी काफी नाम कमाया है। बनारस के बीएचयू से पढ़ाई करने के बाद 1991 में वह मुबंई शिफ्ट हो गए। 1999 तक संजय ने बॉलीवुड में आर्ट डायरेक्शन और कैमरे डायरेक्शन के साथ कई काम किए मगर उन्हें कोई बड़ा ब्रेक नहीं मिला। जहां तक बॉलीवुड में डेब्यू कि बात है तो 1995 में आई फिल्म ओह डार्लिंग ये है इंडिया में उन्हें एक छोटा सा रोल दिया गया था।
टीवी कमर्शियल से हुए फेमस
संजय मिश्रा को सबसे ज्यादा फेम मिला 1999 में आई वर्ल्ड कप सिरीज के कमर्शियल से। इस ऐड में संजय मिश्रा ने एप्पल सिंह का किरदार निभाया था। जिसे लोग काफी पंसद करने लगे थे। इसके बाद 2005 में आई फिल्म बंटी और बबली में भी उनका किरदार कोई नहीं भूल सकता। मगर अभी बॉलीवुड में उन्हें कोई बड़ा रोल नहीं मिला था। अपने पिता की मौत और अपने करियर को लेकर संजय इतने उदास थे कि उन्होंने ऋषिकेश जाकर एक ढाबे में काम करना शुरू कर दिया था। मगर किस्मत का पासा पलटा और डायरेक्टर रोहित शेट्टी उन्हें अपने साथ वापस मुंबई ले आए। इसके बाद संजय मिश्रा ने कभी मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक बेहतरीन अभिनय से बॉलीवुड में अपनी पहचान बना ली। उनके कुछ किरदार आज भी लोगों के दिलों में बसे हैं।
1. मसान के विद्याधर पाठक
इलाहाबाद और बनारस पर बनी इस सिंपल सी स्टोरी ने लोगों का दिल जीत लिया। फिल्म में संजय मिश्रा विद्याधर पाठक के किरदार में नजर आए थे। प्यार और दिलों के बिछड़ने वाली इस फिल्म में संजय मिश्रा रिचा चढ्ढा के पिता के रोल में हैं जिन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से परेशान किया जाता है। एक सिंपल से पंडित के किरदार को संजय ने बखूबी से निभाया है। फिल्म में एक पिता के दर्द को दर्शाने में वो सफल रहे हैं।
2. आंखो-देखी के बाऊजी
दिल्ली 6 के सिंपल फैमली की इस कहानी में संजय मिश्रा ने बाऊजी का रोल प्ले किया है। इस फिल्म में संजय अपनी ऊसूलों पर जीते हैं और जो देखते हैं उसी पर विश्वास करते हैं। फिल्म में संजय मिश्रा का बाऊजी किरदार ही लीड में है। हलांकि ये फिल्म किसी खास एंड पर नहीं जाती और ना ही इस फिल्म में कोई मसाला है मगर फिर भी ये फिल्म और बाऊजी का ये किरदार लोगों को भा गया।
3. दम लागा के हइशा में चंद्र प्रकाश तिवारी
पति और पत्नि की इस खूबसूरत कहानी में आयुष्मान के पिता का किरदार निभाया है संजय मिश्रा ने। अपने देसी अंदाज में संजय मिश्रा इस फिल्म में एक जिम्मेदार पिता की भूमिका में हैं। एक सख्त पिता के रोल में तिवारी बाबू अपने बेटे को समझाते और शादी के लिए मनाते दिखते हैं।
4. फंस गए रे ओबामा में भाई साहब
इस फिल्म में संजय मिश्रा ने एक गैंग्सटर की भूमिका निभाई है। जिसमें पैसे कमाने के चक्कर में वो एक एनआरआई को किंडनैप करना चाहते हैं। अपनी कॉमिक टाइमिंग से इस फिल्म ने लोगों का दिल जीत लिया।
5. ऑफिस-ऑफिस के शुक्ला
2001 में सोनी सब पर आए ऑफिस-ऑफिस शो के शुक्ला कैरेक्टर को कौन भूल सकता है। ऑफिस में बैठकर पान खाने वाले शुक्ला ने अपनी एक्टिंग से सबको अपना दीवाना बना लिया था। पंकज कपूर के इस शो में हलांकि सभी कैरेक्टर महत्वपूर्ण हैं लेकिन संजय मिश्रा इस शो की जान कहे जा सकते हैं।