अगर मेरे हाथ में पिस्टल होती तो मैं उसको गोली मार देता, द कश्मीर फाइल्स को लेकर नदाव लपिड के बयान पर बिफरे अशोक पंडित
By अनिल शर्मा | Published: December 1, 2022 12:34 PM2022-12-01T12:34:19+5:302022-12-01T12:35:54+5:30
गोवा में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के निर्णायक मंडल के मुखिया लपिड ने 'द कश्मीर फाइल्स' को दुष्प्रचार करने वाली फिल्म बताते हुए मंगलवार को इस बात पर आश्चर्य जताया था कि फिल्म महोत्सव में उसे कलात्मक फिल्मों की श्रेणी में कैसे शामिल किया गया?
मुंबईः फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री की चर्चित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर इजराइली फिल्मकार नदाव लपिड के विवादास्पद बयान पर फिल्म निर्देशक अशोक पंडित ने कहा है कि ''अगर मेरे हाथ में पिस्टल होती तो मैं उसको गोली मार देता।"
गोवा में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के निर्णायक मंडल के मुखिया लपिड ने 'द कश्मीर फाइल्स' को दुष्प्रचार करने वाली फिल्म बताते हुए मंगलवार को इस बात पर आश्चर्य जताया था कि फिल्म महोत्सव में उसे कलात्मक फिल्मों की श्रेणी में कैसे शामिल किया गया? लपिड ने इस फिल्म को 'भद्दी' तक करार दिया था। उनकी इस टिप्पणी पर विवाद पैदा हो गया। लपिड इजराइल के जाने-माने फिल्मकार हैं।
अशोक पंडित ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए न्यूज24 से कहा कि दुख होता है। मेरे हाथ में पिस्टल होती तो गोली मार दिया होता। फिल्ममेकर ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि जब लपिड ने मंच से ये बात कही तो बाकी के ज्यूरी मेंबर्स क्या कर रहे थे? वहां जो दर्शक मौजूद थे, वे क्या कर रहे थे? उन्होंने उसको जवाब क्यों नहीं दिया। वहां से उसको जाने क्यों दिया?
अशोक पंडित ने कहा कि हमारी अपनी भी कमजोरी है। कि हम सब सुनने को तैयार हो जाते हैं। मैं बोलता हूं कि व्हाइट कॉलर आतंकवादी ज्यूरी मेंबर प्रमुख का चयन किसने किया है, सरकार ने किया है। उसका चुनाव गोवा फिल्म फेस्टिवल ने किया है। सूचना मंत्रालय ने किया है।
इसलिए मैं मांग कर रहा हूं कि इसकी जांच होनी चाहिए। कौन लोग हैं नौकरशाही में। एंटी नेशनल में। जिन्होंने लपिड को ज्यूरी प्रमुख बनाया? यह बात पक्की है कि सरकार और नौकरशाही में कुछ ऐसे लोग हैं जो गलत चीजों की तरफ लेकर जा रहे हैं।
इससे पहले अशोक पंडित ने ट्वीट कर कहा था कि 'इजराइली फिल्ममेकर नदाव लपिड ने 'द कश्मीर फाइल्स फिल्म' को अश्लील कह कर आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का मजाक बनाया है। उन्होंने बीजेपी सरकार की नाक के नीचे 7 लाख कश्मीरी पंडितों का अपमान किया है। यह भारतीय इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2022 की विश्वसनीयता के लिए बड़ा झटका है, शर्म है।'
गौरतलब है कि भारत में इजराइल के राजदूत नओर गिलोन और इजराइल के महावाणिज्य दूत कोबी शोशानी ने लपििड की टिप्पणी को सिरे से खारिज कर दिया है। इजराइली राजदूत गिलोन ने तो लपिड के बयान पर लंबी माफी मांगी। जबकि शोशानी ने कहा कि उन्होंने 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म देखी है और वह फिल्म के विषय एवं फिल्मांकन से पूरी तरह सहमत हैं।