Article 15 Box Office Collection Day 1: 'कबीर सिंह' के आगे फीका पड़ा आयुष्मान खुराना का जादू, पहले दिन कमाए बस इतने करोड़ रुपए
By मेघना वर्मा | Published: June 29, 2019 09:12 AM2019-06-29T09:12:31+5:302019-06-29T09:12:31+5:30
हालंकि फिल्म ने अंधाधुन से ज्यादा ही कमाए है साथ ही आयुष्मान की पिछली दोनों फिल्में (बधाई हो और अंधाधुन) सुरपहिट रही हैं तो माना जा रहा है कि ये फिल्म भी देर से ही सही पर कमाल जरूर दिखाएगी।
आयुष्मान खुराना हमेशा ही कुछ हटकर फिल्म करने के लिए जाने जाते हैं। इस बार भी वो आर्टिकल 15 फिल्म के साथ लोगों के बीच हैं। उनकी पिछली दो फिल्में अंधाधुन और बधाई हो ने सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी काफी अच्छी कमाई की थी। मगर इस बार उनकी फिल्म आर्टिकल 15 शाहिद कपूर की फिल्म कबीर सिंह के आगे पहले दिन कुछ कमाल नहीं कर पाई।
बॉक्स ऑफिस इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो आयुष्मान खुराना की फिल्म आर्टिकल 15, कबीर सिंह के चलते कहीं छुप गई। रिपोर्ट के मुताबिक पहले दिन आयुष्मान खुराना की फिल्म ने 10-15 प्रतिशत की ही कमाई की। वीकेंड पर पहले दिन फिल्म नें 3.50 से 4 करोड़ तक की कमाई ही कर पाई है।
हालंकि फिल्म ने अंधाधुन से ज्यादा ही कमाए है साथ ही आयुष्मान की पिछली दोनों फिल्में सुरपहिट रही हैं तो माना जा रहा है कि ये फिल्म भी देर से ही सही पर कमाल जरूर दिखाएगी। फिल्म की बात करें तो एक ऐसे मुद्दे पर बनी है, जो आपको साचने पर मजबूर कर देगी। हर समाज में फैली विचार धारा पर गहरा प्रहार कर रही है। अभिनव सिन्हा के निर्देशन में बनी ये फिल्म काबिले तारीफ है।फिल्म में ईशा तलवार, सयानी गुप्ता और मोहम्मद जीशान अयूब जैसे कलाकर भी अहम रोल में है। फिल्म में जाति के भेदभाव के मुद्दे को उठाया गया है।
फिल्म की कहानी
उत्तर प्रदेश के लालगाँव में अप्पर पुलिस अधीक्षक के पद पर आयपीएस अफसर अयान रंजन (आयुष्मान खुराना) की नियुक्ति होती है। गाँव से अचानक 3 लड़कियां लापता हो जाती हैं। जिनमे से दो की लाश मिलती है। जैसे-जैसे अपराध की गुत्थी खुलती जाती है भारतीय वर्ण व्यवस्था की सच्चाई उजागर होती जाती है। जो अयान रंजन के लिए अपराध से बड़ी चुनौती साबित होती है।
अयान लड़कियों की मौत की सच्चाई के काफ़ी करीब होता है लेकिन उस पर दबाव बनाया जाता है।अयान इस केस को सुलझाने में जुट जाता है पर उसकी राह मुश्किलों से भरी हुई होती है। इसके अलावा वह गांव के लोगों की विचारधारा बदलने की कोशिश भी करता है। फिल्म एक गंभीर मुद्दे पर आधारित होने के बावजूद भी काफी मनोरंजन करती है।